केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में नीट मामले में बिहार ईओयू से मांगी विस्तृत रिपोर्ट, शिक्षा मंत्री ने जारी किए निर्देश

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने पटना में नीट (यूजी) परीक्षा-2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि नीट (यूजी)-2024 से संबंधित मामले में ग्रेस मार्क्स से संबंधित मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के आयोजन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। बयान में कहा गया है कि इस रिपोर्ट के प्राप्त होने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। बयान में आगे दोहराया गया है कि नीट (यूजी) परीक्षा-2024 मामले में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा था कि अगर नीट-यूजी, 2024 परीक्षा आयोजित करने में कोई लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने कहा, ‘यदि किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत लापरवाही हुई है, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। इन सभी मामलों को विरोधात्मक मुकदमेबाजी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर कर नीट-यूजी 2024 के परिणाम वापस लेने और परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें 5 मई को आयोजित परीक्षा में पेपर लीक और गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने, प्रतिपूरक अंक देने और नीट-यूजी 2024 के प्रश्न में विसंगतियों का मुद्दा उठाया है। इस महीने की शुरुआत में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि परीक्षा में बैठने के दौरान हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए ‘ग्रेस मार्क्स’ पाने वाले 1,563 नीट-यूजी 2024 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और छात्रों को परीक्षा में फिर से बैठने का मौका मिलेगा। एनटीए ने शीर्ष अदालत को बताया था, ‘परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किया जाएगा।’ शीर्ष अदालत पहले ही नीट-यूजी, 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी है। इस तरह, सरकार ने बिहार पुलिस से आर्थिक अपराध इकाई के माध्यम से विस्तृत जांच करवाने का निर्णय लिया है ताकि परीक्षा के आयोजन में हुई किसी भी अनियमितता को सही ढंग से सुलझाया जा सके। बता दे की पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में नीट-यूजी 2024 के परीक्षा आयोजन में कोई भी लापरवाही होने की संभावना पर सरकार को चेतावनी दी थी। न्यायिक अदालत ने उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने, प्रतिपूरक अंक देने और प्रश्न में विसंगतियां होने का आरोप था। कथित अनियमितताओं के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके अलावा, सरकार ने गुरुवार को बयान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कोई अनियमितता पाई गई है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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