उपमुख्यमंत्री का तेजस्वी पर हमला, कहा- सरकार बाढ़ नियंत्रण पर काम कर रही पर सोने का चम्मच लेकर पैदा होने वालें कहां समझेंगे
पटना। बिहार में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, खासकर नेपाल में भारी वर्षा से उत्पन्न हालात के कारण प्रदेश के 20 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा सरकार ने टोल फ्री और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि पीड़ितों तक समय पर सहायता पहुंचाई जा सके। इस बीच, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बाढ़ प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार की तैयारी और विपक्ष पर निशाना साधते हुए बयान दिया है। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि इस बार लगभग 50 साल बाद बिहार में छह लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने बाढ़ की आपदा को लेकर तत्परता से काम किया है और जो नुकसान होना चाहिए था, वह नहीं हो सका। बिहार की सजगता और सतर्कता से ही बाढ़ का प्रभाव कुछ हद तक कम हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है, जिससे नेपाल के डैम के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार बाढ़ से बचाव के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर तटबंधों को टूटने नहीं दिया जाए। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने भी आश्वस्त किया है कि तटबंध पूरी तरह सुरक्षित हैं और सरकार हर स्थिति पर नजर रख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे स्वयं लोगों के बीच जाकर उनकी मदद करेंगे और सेवा कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इस दौरान विजय सिन्हा ने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य पर भी हमला बोला। रोहिणी आचार्य ने बिहार सरकार से बाढ़ की स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी। इस पर विजय सिन्हा ने रोहिणी और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि वे लोग कभी सिंगापुर में रहते हैं तो कभी पटना में। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग “सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए राजकुमार और राजकुमारी” हैं, जिन्हें जमीन की सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। बिहार की जनता अपने नेताओं को जमीन पर देखना चाहती है, न कि सिर्फ सोशल मीडिया पर बयान देते हुए। उन्होंने कहा कि सिर्फ ट्वीट करने से बाढ़ पीड़ितों की सहायता नहीं हो जाती, बल्कि उन लोगों के बीच जाकर उनकी मदद करनी चाहिए। विजय सिन्हा ने आगे कहा कि सरकार में रहते हुए जो जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लूटा गया था, उसका थोड़ा हिस्सा अब बाढ़ पीड़ितों के काम में लगाया जाना चाहिए। उन्होंने तेजस्वी यादव को सुझाव दिया कि वे सेवा भाव से काम करें और बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात करें, ताकि उनकी समस्याओं को सही ढंग से समझा जा सके। इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बयान जारी कर कहा कि बाढ़ आपदा में फंसे लोगों का सरकार के खजाने पर सबसे पहले अधिकार है और उनकी सहायता में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इस कठिन समय में लोगों को राहत देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, लेकिन सरकार के इस प्रयास से बाढ़ पीड़ितों को राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि विपक्ष द्वारा इस पर राजनीतिक बयानबाजी की जा रही है, जिससे साफ पता चलता है कि बाढ़ जैसी आपदा में भी राजनीतिक दल अपनी-अपनी छवि को सुधारने में जुटे हैं। अब जनता ही यह तय करेगी कि किसका काम और किसकी सेवा सच्ची थी।