डिप्टी सीएम तथा विभागीय मंत्री अलाप रहे हैं अलग-अलग सुर,जलमग्न होने के जांच पर सरकार में गतिरोध

पटना।प्रदेश की राजधानी पटना में भीषन बरसात के उपरांत हुए जलजमाव पर सरकार में भीतरी गतिरोध में नया ट्विस्ट सामने आ गया है।बिहार की नीतीश सरकार में राजधानी के जलमग्न होने के कारणों की जांच के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री तथा नगर विकास मंत्री अलग-अलग राग अलाप रहे हैं।एक तरफ तो नगर विकास मंत्री ने पहले जांच टीम गठित होने की बात कही तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।नतीजतन नगर विकास मंत्री भी अपने बयान पर कायम न रह सके और बैकफुट पर चले आए।दरअसल नगर विकास विभाग ने राजधानी में जलजमाव के दोषी अधिकारियों की पहचान के लिए जांच कमिटी का गुरुवार को गठन किया था लेकिन अब उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसे भ्रामक करार दिया है। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि जलजमाव के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कमिटी गठित करने की बात पूरी तरह से निराधार है। हालांकि इस दौरान सुशील मोदी पटना में जलजमाव को लेकर किसी भी सवाल से परहेज करते दिखे।लेकिन उन्होंने जांच कमिटी गठित करने की बात को हवा-हवाई बताया है।इधर अब नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा भी अपने वक्तव्य से पलट गए हैं।मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा है कि जलजमाव और आपदा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक के बाद ही किसी कमिटी के गठन पर फैसला लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि जांच कमिटी को लेकर आदेश जारी हो गया है लेकिन मैंने अभी हस्ताक्षर नहीं किया है। सुरेश शर्मा ने कल ही तीन सदस्यीय कमिटी के गठन की बात कही थी।ऐसे में नगर विकास मंत्री के अपने बयान से पलटने और डिप्टी सीएम सुशील मोदी द्वारा जांच कमिटी के गठन को अफवाह बताने से एक बात साफ हो गई है कि बिहार में नीतीश सरकार में दो खेमों मे विभाजित हो चुका है।डिप्टी सीएम सुशील कु मोदी कह रहे हैं कि जलजमाव की जांच के लिए कोई कमेटी का गठन नही किया गया है।जबकि नगर विकास विभाग के आदेश की कॉपी कह रही है कि नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने एक ऐसी जांच कमेटी बनाई जिसमें शहर जलमग्न होने के जिम्मेदार लोगों को ही जांच टीम के सदस्य बना दिया गया है।
