September 21, 2024

जातीय जनगणना कराना केंद्र सरकार पर निर्भर, लोगों के उत्थान के लिए है जरुरी : नीतीश

पटना। सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत की।
जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि उनका लिखा पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को 4 अगस्त को प्राप्त हो चुका है। अभी तक इसका जवाब नहीं आया है। हमलोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाय, यह केंद्र सरकार पर निर्भर है। यह हमलोगों की पुरानी मांग है। इसका काफी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि एक बार जातीय जनगणना होने से एक-एक चीज की जानकारी हो जायेगी। किस जाति की कितनी आबादी है, इसकी जानकारी होने से विकास की योजनाओं का लाभ सभी को मिलेगा। जातीय जनगणना सबों के हित में है। हमलोगों की चाहत है कि जातीय जनगणना हो, आगे यह केंद्र सरकार का काम है। अगर प्रधानमंत्री समय देंगे तो हमलोग जरुर मिलकर अपनी बातों को कहेंगे। इसका संबंध राजनीतिक नहीं है बल्कि सामाजिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ बिहार में ही नहीं कई और राज्यों में जातीय जनगणना को लेकर चर्चा हो रही है। इसको लेकर हमारे पार्टी के सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर पत्र लिखा था तो उनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी। सांसदों ने गृह मंत्री से मिलकर अपनी बातों को कह दिया है। बिहार के विपक्षी दलों की भी इच्छा थी कि हमारे नेतृत्व में चलकर प्रधानमंत्री से मिला जाय। इसको लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जातीय जनगणना को लेकर निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। हमलोग अपनी इच्छा को प्रकट करते रहे हैं। यह सामाजिक हित की बात है।
केंद्र से जवाब नहीं आने की स्थिति में क्या बिहार सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना करवाएगी संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर यहां सभी से बात की जायेगी। जनगणना पूरे देश की एक साथ होती है। इससे पहले जाति की गणना कर्नाटक ने एक बार किया है। अगर आवश्यकता होगी कि बिहार में जानकारी के लिए जाति की गणना की जाए तो इसको लेकर सभी से बात की जायेगी। हमने अभी इसको लेकर कुछ नहीं कहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 1931 में अंतिम बार जातीय जनगणना हुई थी, इसे एक बार फिर कराना देश के हित में है, ये सबके हित में है। लोगों के उत्थान के लिए यह जरुरी है। विकास का लाभ सभी को मिलना चाहिए। जाति का आंकड़ा एक बार सामने आ जाने के बाद सबके हित में काम होगा। ये राष्ट्र और देश के हित में है। ये किसी व्यक्ति विशेष के हित की बात नहीं है।

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