पटना के प्रसिद्ध हरिलाल मिठाई दुकान पर आयकर विभाग की छापेमारी, पूरे इलाके में मचा हड़कंप
पटना। शहर की प्रतिष्ठित मिठाई दुकान “हरिलाल” के ठिकानों पर आयकर विभाग ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। एसके पुरी और अन्य क्षेत्रों में स्थित हरिलाल के प्रतिष्ठानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान पुलिस ने इलाके को घेरकर बैरिकेडिंग की और सभी दुकानों में जाने वाले ग्राहकों को बाहर ही रोक दिया। आयकर विभाग को हरिलाल समूह के खिलाफ टैक्स हेरफेर और संपत्ति में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं। इसके चलते विभाग ने बड़ी योजना के तहत यह कार्रवाई शुरू की। हरिलाल समूह की कई संपत्तियों और उनके वित्तीय दस्तावेजों को जांच के दायरे में रखा गया है। छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों ने स्टॉक रजिस्टर, कैश मेमो, रसीद, और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच की। इससे पहले भी, 2017 में हरिलाल के मालिक अमति मलकानी और संदीप मलकानी के घर समेत कुल 9 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। उस समय भी टैक्स हेरफेर और आय के स्रोतों को लेकर अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे। हरिलाल मिठाई दुकान पटना की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध दुकानों में से एक है, जिसके शहर के विभिन्न इलाकों में कई प्रतिष्ठान हैं। इस छापेमारी के कारण ग्राहकों को असुविधा हुई और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। छापेमारी के दौरान दुकान के सभी लेन-देन और स्टॉक को जांच के लिए रोक दिया गया। आयकर विभाग इस कार्रवाई के माध्यम से हरिलाल समूह की बड़ी संपत्ति और वित्तीय लेन-देन का सत्यापन कर रहा है। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या उनके टैक्स रिटर्न में कोई गड़बड़ी की गई है या उनकी संपत्ति का विवरण छिपाया गया है। हरिलाल मिठाई दुकान न केवल पटना बल्कि बिहार के अन्य इलाकों में भी अपनी मिठाई और सेवा के लिए जानी जाती है। ऐसी प्रतिष्ठा वाली दुकान पर टैक्स हेरफेर जैसे आरोप लगना, इसके ग्राहकों और व्यवसायिक छवि पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों और आंकड़ों को अपने कब्जे में ले लिया है। इन दस्तावेजों का गहन विश्लेषण किया जाएगा और यदि टैक्स हेरफेर या संपत्ति से संबंधित कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो हरिलाल समूह पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। हरिलाल समूह पर हुई इस छापेमारी ने न केवल प्रशासन और व्यापार जगत में हलचल मचाई है, बल्कि आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल, आयकर विभाग की इस कार्रवाई से हरिलाल समूह को अपने वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी और नियमों के अनुरूप रखने का दबाव महसूस होगा।