November 22, 2024

शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन, चॉइस पोस्टिंग ने लिए अपलोड करना होगा आवेदन

पटना। बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शुक्रवार को नई गाइडलाइन जारी की। इसमें रिक्वेस्ट फॉर ट्रांसफर ऑन स्पेशल ग्राउंड के तहत स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई निर्देश दिए गए हैं। नए निर्देशों के तहत शिक्षकों को अपनी चॉइस पोस्टिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके अलावा आवेदन के साथ लिखित दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज अपलोड अनिवार्य
शिक्षकों को ई-शिक्षा पोर्टल पर लॉग इन करके ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ स्कैन किए गए लिखित दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है। बिना अपलोड किए गए दस्तावेजों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
चॉइस पोस्टिंग की जानकारी
शिक्षकों को अपने वर्तमान स्थान और पसंदीदा स्थान (चॉइस पोस्टिंग) के बीच की दूरी बतानी होगी। यह जानकारी गाइडलाइन में शामिल किया गया एक नया विकल्प है।
10 विकल्प भरने का प्रावधान
शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए 10 विकल्प देने होंगे। इन विकल्पों के आधार पर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होगी।
स्पेशल ग्राउंड पर ट्रांसफर
ट्रांसफर के लिए कुछ विशेष आधार तय किए गए हैं, जैसे: महिला शिक्षकों के लिए उनके पति की पोस्टिंग का स्थान। गंभीर बीमारियां, जैसे किडनी, हृदय और लीवर की समस्याएं। दिव्यांगता, मानसिक बीमारी और ऑटिज्म। विधवा या परित्यक्ता होने का आधार।
पुराने नियमों में बदलाव नहीं
नई गाइडलाइन में पुराने नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, प्रक्रिया को अधिक सरल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है।
ट्रांसफर की प्रक्रिया
शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है। ई-शिक्षा पोर्टल पर सभी जानकारी दर्ज करने के बाद शिक्षकों को अपने आवेदन की स्कैन की गई प्रति अपलोड करनी होगी। इसके बाद आवेदन को मान्य माना जाएगा।
चॉइस पोस्टिंग के लिए इन बिंदुओं का ध्यान रखना होगा
शिक्षकों को अपनी प्राथमिकता के स्थानों की दूरी का स्पष्ट विवरण देना होगा। 10 विकल्पों को ध्यानपूर्वक चुनना होगा, क्योंकि इन्हीं विकल्पों के आधार पर स्थानांतरण होगा। सभी दस्तावेज सही और पूर्ण होने चाहिए, ताकि आवेदन अस्वीकृत न हो। नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि अब केवल इच्छुक शिक्षक ही आवेदन कर सकते हैं। किसी प्रकार की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। इससे उन शिक्षकों को राहत मिलेगी, जो स्थानांतरण के इच्छुक नहीं हैं।
महिला शिक्षकों और विशेष वर्ग के लिए राहत
गाइडलाइन में महिला शिक्षकों, गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों और विशेष परिस्थितियों में रह रहे शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। यह कदम उनके कार्यस्थल को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सरल और पारदर्शी प्रक्रिया की ओर कदम
शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। डिजिटल प्रक्रिया से आवेदन और ट्रांसफर में होने वाली देरी को कम करने की कोशिश की गई है। नई गाइडलाइन शिक्षकों के ट्रांसफर में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रक्रिया शिक्षकों को उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक जरूरतों के अनुसार स्थानांतरण का अवसर प्रदान करेगी। साथ ही, विभाग को भी यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि शिक्षक अपनी जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से निभा सकें। नई गाइडलाइन से शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है, और यह शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम साबित होगा।

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