गर्मी की छुट्टी में पूरी तरह से बंद रहेंगे सरकारी विद्यालय, विभाग ने केके पाठक का आदेश पलटा
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पटना। बिहार के शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक बड़ा बदलाव करते हुए सरकारी स्कूलों की गर्मी की छुट्टियों पर लागू किए गए पूर्ववर्ती आदेश को पलट दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने घोषणा की है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अब सरकारी स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों को भी स्कूल आने की आवश्यकता नहीं होगी। पूर्व एसीएस केके पाठक ने 23 नवंबर 2023 को अवकाश कैलेंडर 2024 जारी किया था, जिसमें उन्होंने छुट्टियों में व्यापक कटौती की थी। पाठक के निर्देशों के अनुसार, गर्मी की छुट्टियां केवल छात्रों तक सीमित रखी गई थीं, जबकि शिक्षकों को इस दौरान स्कूल आकर कमजोर छात्रों को पढ़ाने और मीड डे मील का संचालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा, रक्षा बंधन, तीज, छठ पूजा, दीपावली, गोवर्धन पूजा, दशहरा और होली जैसे पारंपरिक त्योहारों पर भी छुट्टियों में कटौती की गई थी। पाठक के इन आदेशों की शिक्षकों और समाज के विभिन्न वर्गों ने आलोचना की थी। खासकर, महिलाओं के त्योहारों पर छुट्टी की कटौती को लेकर व्यापक विरोध हुआ था। डॉ. एस सिद्धार्थ ने शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालने के बाद केके पाठक के आदेशों में बदलाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे और शिक्षकों को स्कूल आने की आवश्यकता नहीं होगी। एसीएस ने यह भी कहा कि शिक्षक गर्मी की छुट्टियों में अपने परिवार के साथ समय बिताने और घूमने का प्लान बना सकते हैं। इस दौरान उनकी तनख्वाह में कोई कटौती नहीं की जाएगी। इसके अलावा, यदि ठंड के मौसम में अत्यधिक बारिश या मौसम की खराब स्थिति उत्पन्न होती है, तो जिलाधिकारी (डीएम) के आदेश पर स्कूल बंद रखे जाएंगे। डॉ. सिद्धार्थ ने घोषणा की है कि दिसंबर 2024 में शिक्षा विभाग छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी करेगा। यह कैलेंडर राज्य के मौसम और पारंपरिक त्योहारों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा, ताकि छात्रों और शिक्षकों दोनों की जरूरतों का ध्यान रखा जा सके। हालांकि, शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सामान्य समय में पठन-पाठन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। केके पाठक के आदेशों के तहत, गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी स्कूलों में “मिशन दक्ष” के तहत कमजोर छात्रों को पढ़ाने की योजना चल रही थी। साथ ही मीड डे मील का संचालन भी जारी रहता था। डॉ. सिद्धार्थ के नए आदेश के बाद इन योजनाओं को भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान रोक दिया जाएगा। हालांकि, इन योजनाओं को सामान्य स्कूल अवधि के दौरान चलाने की व्यवस्था बनी रहेगी। डॉ. सिद्धार्थ के इस फैसले का शिक्षकों ने स्वागत किया है। लंबे समय से शिक्षकों का यह मांग थी कि उन्हें भी गर्मी की छुट्टियों में आराम का अवसर मिले। कई शिक्षकों ने कहा कि यह निर्णय उनके लिए राहतभरा है और वे अब छुट्टियों में अपने परिवार के साथ समय बिता पाएंगे। छात्रों और अभिभावकों ने भी इस फैसले को सकारात्मक रूप से लिया है। अभिभावकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को घर में आराम करने और अन्य गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा। डॉ. सिद्धार्थ के इस फैसले को समाज के विभिन्न वर्गों ने भी सराहा है। शिक्षाविदों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में है। साथ ही, त्योहारों और पारंपरिक अवकाशों पर छूट देकर सरकार ने समाज की सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान किया है। गर्मी की छुट्टियों के दौरान सरकारी स्कूलों को पूरी तरह बंद रखने का फैसला शिक्षकों और छात्रों के लिए राहतभरा है। यह निर्णय शिक्षा विभाग के कामकाज में लचीलापन और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। केके पाठक के आदेशों में संशोधन ने शिक्षकों और अभिभावकों की नाराजगी को दूर किया है और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक व्यावहारिक बनाया है। आने वाले समय में, शिक्षा विभाग द्वारा अवकाश कैलेंडर 2025 के जारी होने के बाद यह सुनिश्चित होगा कि छुट्टियां बच्चों, शिक्षकों और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखकर तय की गई हैं। इस नए दृष्टिकोण से बिहार में शिक्षा प्रणाली अधिक सुसंगठित और प्रभावी बनने की उम्मीद है।
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