February 5, 2025

गया में पराली जलाने वाले 12 किसानों पर कृषि विभाग में की कार्रवाई, ब्लॉक किया गया रजिस्ट्रेशन

गया। गया में कृषि विभाग खेत में पड़े धान के अवशेष पराली को जलाने वाले किसानों को अब सरकारी लाभ से वंचित किया जा रहा है। यह नहीं वह अब केस करने की धमकी भी दे रहा है। विभाग ने जिले के 12 किसानों काे सरकारी पंजीकरण के आधार पर ब्लाक कर दिया है। यानी अब भविष्य में ऐसे किसानों को किसी प्रकार का सरकारी लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। कृषि विभाग के जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा सिंह कहना है कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कुछ किसान फसल अवशेष जलाने से बाज नही आ रहे हैं। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारी मिट्टी में पहले से ही जैविक कार्बन कम है। फसल अवशेष जलाने से जैविक कार्बन भी जलकर नष्ट हो जाते है। जिन खेतो में फसल अवशेष जलाया जाता है, उन खेतो में मौजूद सभी लाभदायक सुक्ष्मजीव भी मर जाते है। फसल अवशेष जलाने से सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन तथा नाक एवं गले की समस्या बढ़ती है। इस संबंध में बार-बार जागरूक करने के बावजूद कुछ किसान फसल अवशेष जला देते है। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों का पंजीकरण संख्या अवरूद्ध कर दिया गया है। किसान अपने पंजीकरण संख्या की सहायता से ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान, कृषि इनपुट अनुदान, बीज अनुदान, कृषि यंत्रो पर अनुदान ले सकता है। इसके अलावा पैक्सों को धान/गेंहूँ आदि की बिक्री के लिए आनलाइन सिर्फ वे किसान कर सकते हैं, जिन्हे किसान पंजीकरण संख्या कृषि विभाग से आवंटित है। फसल अवशेष जलाने के कारण जिन किसानों का पंजीकरण अवरूद्ध कर दिया गया है, वे अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ नही ले सकेंगे, न ही वे अपने धान की बिक्री पैक्सों को कर सकेंगे। पराली जलाने के आरोप में पहले चरण में 12 किसानों के पंजीकरण को ब्लाक किया गया। गया नगर के एक, बोधगया के 04, मोहनपुर के एक, कोच के तीन एवं मानपुर के 04 किसान शामिल हैं।

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