बिहार के 102 अनुमंडलों में शुरू होगी डीलक्स बस, कई बड़े शहरों से जुड़ेगा रूट, यात्रा में होगी आसानी

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के सभी 102 अनुमंडलों को डीलक्स बस सेवा से जोड़ने का फैसला किया है। यह योजना राज्य में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने और ग्रामीण व अर्ध-शहरी इलाकों को जिला मुख्यालयों एवं बड़े शहरों से सीधे जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
प्रमुख शहरों से जुड़ेंगे अनुमंडल
इस योजना के अंतर्गत पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा और मुंगेर जैसे प्रमुख शहरों से डीलक्स बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों के माध्यम से छोटे कस्बों और गांवों को बड़े शहरों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रशासनिक सेवाओं तक सरल पहुंच मिल सके।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी बसें
इन डीलक्स बसों में यात्रियों के आराम का विशेष ध्यान रखा जाएगा। बसों में आरामदायक सीटें, एयर-कंडीशनिंग, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और सुरक्षा कैमरों जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी। इससे यात्रियों को एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
166 बसें चलेंगी पूरे राज्य में
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसटीआरसी) ने इस योजना को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। कुल 166 डीलक्स बसों का संचालन प्रस्तावित है, जिनमें से 96 बसों को पहले ही परमिट मिल चुका है। शेष बसों के लिए 30 अप्रैल तक परमिट जारी कर दिए जाएंगे। मई के पहले या दूसरे सप्ताह से यह सेवा शुरू होने की संभावना है।
परिवहन ढांचे को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना के लागू होने से न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य के परिवहन ढांचे को भी मजबूती मिलेगी। पंचायत और प्रखंड स्तर तक लोगों को अब आसानी से जिला मुख्यालय पहुंचने का साधन मिलेगा। इससे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
डीलक्स बस सेवा शुरू होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बस ड्राइवर, कंडक्टर, मैकेनिक और अन्य स्टाफ की आवश्यकता होगी। साथ ही, बस अड्डों, डिपो और टर्मिनलों के निर्माण व संचालन से निर्माण और सेवा क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा।
यात्रियों की निगरानी और सुविधा का विशेष ध्यान
इन बसों की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जहां से सभी रूट्स पर नजर रखी जाएगी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल टिकटिंग सिस्टम भी लागू किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और कतारों में लगने की परेशानी से मुक्ति मिल सके। यह योजना बिहार की परिवहन व्यवस्था में एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, जो ग्रामीण-शहरी अंतर को कम करने में मदद करेगी और राज्य के समग्र विकास को गति देगी।
