दार्जिलिंग रेल हादसे में मृतकों की संख्या 15 के पार, 60 से अधिक घायल, युद्धस्तर पर ऑपरेशन जारी

दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह 8:55 बजे एक भीषण रेल हादसा हुआ। मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें 2 लोको पायलट और एक गार्ड समेत 15 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने इस हादसे की पुष्टि की और बताया कि टक्कर के बाद ट्रेन के 5 डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हादसा न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के नजदीक रंगापानी में हुआ। कंचनजंगा एक्सप्रेस रेड सिग्नल की वजह से रुइधासा में रुकी हुई थी, तभी पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक्सप्रेस ट्रेन का एक डिब्बा मालगाड़ी के इंजन पर हवा में लटक गया, जबकि अन्य दो डिब्बे बेपटरी हो गए। रेलवे के अनुसार, भारी बारिश के कारण मालगाड़ी के पायलट को सिग्नल नहीं दिखा, जिसके कारण यह हादसा हुआ। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे और बंगाल के अधिकारी शामिल हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे में जान गंवाने वालों के लिए 10 लाख रुपए, गंभीर घायलों के लिए 2.50 लाख रुपए और मामूली घायलों के लिए 50 हजार रुपए की सहायता राशि की घोषणा की है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री राहत कोष से मारे गए लोगों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दिल्ली से दार्जिलिंग के लिए रवाना हो गए हैं और उन्होंने इस हादसे को दुखद बताते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटना पर दुख जताया और राहत बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। हादसे की वजह से कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं और इस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची दे ने कहा कि हादसे वाले ट्रैक को रात तक चालू कर दिया जाएगा और डाउन कंचनजंगा एक्सप्रेस भी रात में चलेगी। कंचनजंगा एक्सप्रेस एक दैनिक ट्रेन है जो बंगाल को पूर्वोत्तर के शहरों सिलचर और अगरतला से जोड़ती है। इस दुर्घटना ने रेलवे की सुरक्षा और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने के बाद ऐसे हादसे होना तय है और इस सरकार से जनता को कोई उम्मीद नहीं है। इस हादसे ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है और प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे प्रशासन को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनता की सुरक्षा और विश्वास बहाल हो सके।

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