January 15, 2025

वायनाड भूस्खलन में 308 हुई मृतकों की संख्या, भारी बारिश से 7 जिलों में स्कूल बंद

वायनाड। केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 308 हो गई है। इस विनाशकारी घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। भारी बारिश के चलते सात जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वायनाड, मलप्पुरम, इडुक्की, कोझिकोड, कन्नूर, पलक्कड़ और त्रिशूर जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वायनाड में भूस्खलन की यह घटना बेहद दुखद है, जिसमें कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। बचाव कार्यों में लगी टीमों ने मलबे से शवों को निकालने का काम जारी रखा है। आपदा प्रबंधन टीमें और स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सेना, एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें भी मौके पर तैनात हैं और राहत कार्य में पूरी तरह से संलग्न हैं। भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है। वायनाड और अन्य प्रभावित जिलों में निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक कार्यों के बिना घरों से बाहर न निकलें और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें। वायनाड जिले में सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान हुआ है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, जिससे लोगों को और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने राहत शिविरों की स्थापना की है जहां प्रभावित लोगों को आश्रय, भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार के साथ संपर्क बनाए रखा है और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण फसलें भी बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है और कृषि विभाग को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, राज्य सरकार ने विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है जिससे प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सके। वायनाड और अन्य जिलों में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लेकिन राज्य सरकार, केंद्र सरकार, और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है और जल्द ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की है ताकि इस कठिन समय में सभी मिलकर इस आपदा का सामना कर सकें और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा सके। वायनाड पहले ही बड़े पैमाने पर भूस्खलन की मार झेल रहा है। 2 भूस्खलन के चलते अब तक 308 लोगों की मौत हो गई है। वही बीते दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के चूरलमाला में भूस्खलन प्रभावित हिस्से का दौरा किया। मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह वायनाड के लिए एक भयानक त्रासदी है और यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मरने वालों की संख्या अब 308 हो गई है। वायनाड जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं और ज्यादातर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से हैं।

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