November 22, 2024

मुजफ्फरपुर में गहरे सीवरेज में दम घुटने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत, एक की हालत गंभीर

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बुधवार को एक दर्दनाक घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य मजदूर की हालत गंभीर है। यह हादसा तब हुआ जब तीन मजदूर एक 30 फीट गहरे सीवरेज की सफाई के लिए अंदर गए थे। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और गर्मी के कारण हुई इस दुर्घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना अहियापुर थाना क्षेत्र के दाउदपुर कोठी इलाके की है। सुबह 9 बजे के करीब तीन मजदूर सीवरेज की सफाई करने के लिए नीचे उतरे थे। डीएसपी विनीता सिन्हा के अनुसार, मजदूर बिना किसी सेफ्टी उपकरण के सीवरेज में गए थे। हालांकि, उन्होंने सुरक्षा के लिए एक रस्सी का सहारा लिया था, लेकिन सफाई के दौरान वह रस्सी टूट गई। सीवरेज के अंदर ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक गर्मी की वजह से तीनों मजदूर बेहोश हो गए। जैसे ही इसकी सूचना मिली, स्थानीय लोगों और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। तीनों मजदूरों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक दो मजदूरों की मौत हो चुकी थी। तीसरे मजदूर को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डीएसपी विनीता सिन्हा ने पुष्टि की है कि मजदूर बिना किसी सेफ्टी गियर के सीवरेज में उतरे थे, जो इस दुर्घटना का प्रमुख कारण बना। उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों से भी जवाब तलब किया जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मजदूरों को सीवरेज की सफाई के दौरान उचित उपकरण नहीं दिए गए थे, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि रस्सी टूटने के बाद मजदूरों ने मदद के लिए चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन गहराई और अंदर की गर्मी के कारण वे बेहोश हो गए। यह घटना इलाके में भारी आक्रोश का कारण बन गई है। स्थानीय लोग और मजदूर संगठन इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाते तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी। मजदूरों की सुरक्षा के लिए सरकार और संबंधित अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि मजदूरों के कामकाज के दौरान उनकी सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। मुजफ्फरपुर की यह घटना मजदूरों की सुरक्षा को लेकर जारी लापरवाही की ओर ध्यान खींचती है। इस हादसे ने न केवल दो परिवारों को उनके प्रियजनों से वंचित कर दिया, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि मजदूरों के कार्यस्थल पर सुरक्षा की कमी किस हद तक खतरनाक साबित हो सकती है। स्थानीय प्रशासन को अब इस घटना से सबक लेना होगा और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। मजदूर संगठनों और स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस घटना की पूरी जांच हो और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाएं ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।

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