February 5, 2025

सिवान में जहरीली शराब से दो युवकों की संदिग्ध मौत, दो की आंखों की रोशनी गई, मचा हड़कंप

सिवान। बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला सिवान जिले का है, जहां बुधवार सुबह जहरीली शराब पीने से दो युवकों की संदिग्ध मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से दो लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और स्थानीय प्रशासन से लेकर पुलिस तक जांच में जुट गई है। मामला सिवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के मघड़ी और बाइस कट्ठा गांव का है, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में दो लोगों की मौत की खबर आई है। दोनों युवकों की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई। हालांकि, अब तक प्रशासन ने आधिकारिक रूप से यह पुष्टि नहीं की है कि उनकी मौत का कारण जहरीली शराब थी, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि जहरीली शराब पीने से ही यह हादसा हुआ है। मृतकों के परिवारों में मातम पसरा हुआ है, और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। इसके अलावा, दो अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से दोनों की आंखों की रोशनी जा चुकी है, और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है कि यह घटना शराब से संबंधित है। बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून के बावजूद राज्य में जहरीली शराब से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बीते 24 घंटों में, सिवान के अलावा छपरा जिले से भी एक और घटना की जानकारी मिली है। छपरा के मशरक के बराहींपुर गांव में एक युवक की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई, जबकि दो अन्य की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद छपरा और सिवान की पुलिस ने प्रभावित इलाकों में छापेमारी शुरू कर दी है, और इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सिवान पुलिस और प्रशासन ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी है। फिलहाल डीएम और एसपी इस मामले में जुटे हुए हैं और घटना की तहकीकात कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह साफ हो सके कि मौत का कारण वास्तव में शराब है या कोई अन्य वजह। इसके बावजूद, पुलिस इस मामले को शराबकांड से जोड़कर देख रही है, क्योंकि पिछले कुछ समय में बिहार के विभिन्न जिलों से जहरीली शराब से मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस की छापेमारी जारी है और कई संदिग्ध स्थानों पर छानबीन की जा रही है। शराबबंदी के बाद भी राज्य में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि जहरीली शराब की खेप कहां से आई और इसका स्रोत क्या है। इलाके के लोगों में भय का माहौल है, और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि शराबबंदी के बावजूद ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। बिहार में 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यव्यापी शराबबंदी लागू की थी, जिसका उद्देश्य समाज को शराब की बुराइयों से बचाना था। हालांकि, इस कानून के बावजूद राज्य में अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। हर कुछ महीनों में जहरीली शराब से मौत की खबरें आती हैं, जिससे प्रशासन और पुलिस की कार्यक्षमता पर सवाल उठते हैं। शराबबंदी कानून ने जहां एक ओर राज्य में शराब की बिक्री को रोकने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर अवैध और जहरीली शराब के कारोबार में इजाफा हुआ है। प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई जारी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक जहरीली शराब के चलते लोगों की जान जाती रहेगी। सिवान और छपरा में हुए इन ताजा हादसों ने एक बार फिर से बिहार में शराबबंदी की चुनौतियों को उजागर किया है। जहरीली शराब के कारण हुई मौतें न सिर्फ प्रशासन के लिए चेतावनी हैं, बल्कि यह राज्य में अवैध शराब के कारोबार की बढ़ती समस्या की ओर भी इशारा करती हैं। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन की छापेमारी और जांच में क्या नतीजे सामने आते हैं, और क्या राज्य सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती है।

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