प्रदेश में पेंशन धारकों को निशाना बना रहे है साइबर अपराधी : रहिये सावधान, कभी साझा न करें किसी प्रकार का ओटीपी
पटना। बिहार में अब साइबर अपराधियों की नजर पेंशन धारकों पर है, वह उन्हें फोन कर जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करने के नाम पर बात कर रहे है। अपनी बातों में उलझाकर शातिर उनसे ओटीपी शेयर करने को कहते है। ओटीपी शेयर करते ही शातिर पेंशन धारकों के खाते से रकम उड़ा दे रहे है। हाल के दिनों में इस तरह की शिकायत आर्थिक अपराध इकाई के साइबर यूनिट में सामने आने के बाद विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि ऐसे फर्जी काल से सावधान रहें। पेंशन अकाउंट से संबंधित जानकारी और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। साइबर अपराधियों द्वारा पेंशन धारकों को जीवन प्रमाणपत्र आनलाइन अपडेट करने के लिए काल की जाती है। जालसाजों के पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा जैसे नियुक्ति की तिथि, सेवानिवृत्त का दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या, सेवानिवृति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नामिनी आदि होता है। वे पेंशन धारकों का पूरा डेटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने हेतु ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं।
फर्जी बैंक खाता या वालेट में ट्रांसफर कर देते पूरी राशि
पेंशन धारकों के पास फोन करने वाले ठग उन्हें विश्वास दिलाकर झांसा देने के लिए कई जानकारी देते है। ओटीपी साझा करते ही साइबर अपराधी पेंशन धारक के खाते से जमा समस्त राशि को तुरंत दूसरे फर्जी बैंक खाता या वालेट में स्थानांतरित कर देते है। ऐसे में पुलिस अगर छानबीन कर बैंक अकाउंट के बारे में पता भी करें तो साइबर अपराधियों तक आसानी से नहीं पहुंच सके।
पार्ट टाइम जाब के नाम पर भेज रहे मैसेज, किसी भी लिंक पर ना करें क्लिक
साइबर ठग पार्ट टाइम जाब के लिए जाब आफर का फर्जी एसएमएस या ई-मेल भेज सकते है। स्कैमर्स द्वारा प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर भी इस तरह के मैसेज और ई-मेल करने से नहीं चूकते है। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि असत्यापित ङ्क्षलक पर क्लिक करने से बचें। किसी अनजान व्यक्ति के साथ कोई भी निजी जानकारी साझा करने तथा आर्थिक लेनदेन करने से पहले सतर्क करें। इन नंबरों की रिपोर्ट करना एवं इन्हें ब्लाक करना न भूलें।