February 22, 2025

दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ी, सरकारी आवास में हुए रिनोवेशन की जांच करेगा सीवीसी

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सत्ता से विदाई के साथ ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास रहे 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के रेनोवेशन पर हुए खर्च की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सीवीसी ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से उन आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है, जिनमें कहा गया है कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में आलीशन बंगले (शीश महल) के निर्माण के लिए भवन निर्माण के नियमों का उल्लंघन किया गया। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर सीपीडब्ल्यूडी द्वारा अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास पर फैक्चुअल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद सीवीसी ने 13 फरवरी को जांच का आदेश दिया था। 14 अक्टूबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व आवास पर अवैध निर्माण के संबंध में सीवीसी में शिकायत दर्ज कराई थी। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले इस आलीशन भवन के निर्माण के लिए भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन किया। शिकायत में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 47 (पहले टाइप-V फ्लैटों में सीनियर अफसर और जज रहते थे) और दो बंगलों सहित सरकारी संपत्तियां (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) को तोड़कर नए आवास में मिला दिया गया, जो ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) मानदंडों का उल्लंघन करता है और उचित लेआउट प्लान का अभाव है। सीवीसी ने इस मामले में 16 अक्टूबर को जांच के लिए शिकायत दर्ज की थी। नवंबर 2024 में सीवीसी ने शिकायत को आगे की जांच के लिए सीपीडब्ल्यूडी को भेज दिया। सीवीसी ने आश्वासन दिया कि फैक्चुअल रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 21 अक्टूबर को 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर सीएम आवास के रेनोवेशन और इंटिरियर डेकोरेशन पर फिजूलखर्ची के बारे में सीवीसी के पास औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। चीफ विजिलेंस कमिश्नर को दी गई अपनी शिकायत में गुप्ता ने भारी वित्तीय अनियमितताओं के बारे में लिखा, जिसमें कहा गया है अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास के लिए आलीशान सुविधाओं पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि विलासिता की वस्तुओं पर खर्च उचित सीमा से कहीं ज्यादा है और इससे भ्रष्टाचार की गंभीर चिंताएं पैदा होती है। 5 नवंबर को सीवीसी ने गुप्ता की शिकायत का संज्ञान लिया और आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया। इसके बाद 5 दिसंबर को विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर आधारित एक फैक्चुअल रिपोर्ट सीपीडब्ल्यूडी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) द्वारा सीवीसी को सौंपी गई।

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