नीतीश सरकार का अपराध नियंत्रक विधायक विधानसभा से पारित, कानून बनने पर 5 साल की सजा का प्रावधान
- बिहार में अब माफियाओं की खैर नहीं; डीएम और इंस्पेक्टर की ताकत बढ़ी, बिना वारंट के होगी गिरफ्तारी
पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को अपराध नियंत्रण विधेयक पारित हो गया है। प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव की ओर से बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 सदन में पेश किया गया। मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अवैध बालू खनन, भू माफिया और शराब कारोबारियों पर कार्रवाई के लिए यह कानून लाया गया है। विधेयक पास होने के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे और तेजस्वी यादव आज भी सदन में नहीं पहुंचे थे। वहीं विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिए गए।
सम्राट चौधरी ने दी सीएम को बधाई
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ये विधेयक लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को विशेष रूप से बधाई दी। सम्राट चौधरी ने कहा बालू माफिया शराब माफिया भू माफिया के सिंडिकेट को समाप्त करने के लिए यह कानून लाया गया है। इससे पहले विपक्षी सदस्यों की ओर से विधानसभा में स्कूल के समय को लेकर हंगामा किया गया और उसके बाद सभी सदस्य सदन से बाहर निकल गए।
जिलाधिकारी से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक की ताकत बढ़ी
बिहार में जिलाधिकारी से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक की ताकत बढ़ गई है। डीएम किसी अपराधी को राज्य से बाहर निकालने का आदेश भी जारी कर सकते हैं। इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को गैंगस्टरों की तलाशी का अधिकार भी मिल गया। आम आदमी को लेकर भी इस कानून में कुछ है और वह यह कि निजी सीसीटीवी लगा रखा है तो 30 दिनों का वीडियो सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। ऐसे कई प्रावधानों वाला कानून आज विधाससभा में लागू हो गया हो जाए। इस कानून पर मुहर लगाने के लिए सरकार बिहार विधानसभा में बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 गुरुवार को पेश किया गया।
बिहार सरकार जिलाधिकारी को असीमित शक्ति देने जा रही है
इस कानून के जरिए भूमि, बालू, शराब, समेत अन्य अपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इसके अलावा मानव-तस्करी, देह व्यापा, छेड़खानी, दंगा फैलाने और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वालों पर भी इस कानून के जरिए अंकुश लगाया जाएगा। अब जिधाधिकारी इन पर सीधी कार्रवाई कर सकेंगे। बिहार सरकार इसके लिए उन्हें असीमित शक्ति देने जा रही है। इतना ही नहीं जिधाधिकारी द्वारा जारी वारंट बिहार समेत पूरे देश में लागू होगा। जिधाधिकारी को तलाशी और जब्ती का अधिकार होगा।
संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी पुलिस
बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 में यह प्रावधन किया गया है कि जिलाधिकारी के पास वारंट जारी, गिरफ्तार कर जेल भेजने और बेल देने का अधिकार होगा। उनके पास छह माह तक जिला और राज्य से किसी भी अपराधी को तड़ीपार करने का अधिकार होगा। हालांकि, जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकेगी। बिहार पुलिस अब किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी। उसे कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे हिरासत में रखा जा सकता है। तीन माह से अधिक की हिरासत अवधि नहीं होगी। बिहार पुलिस को इन सब चीज की सूचना लिखित में जिलाधिकारी को देनी होगी।
तेजस्वी यादव के सदन में आने की संभावना नहीं
बिहार विधानसभा की कार्यवाही 1 मार्च तक चलना है और आज के बाद केवल एक दिन और कार्यवाही बच जाएगी। लगातार दूसरा सप्ताह है, जब नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव सदन में नहीं पहुंचे हैं और आज भी सदन में आने की संभावना कम ही है, क्योंकि जन विश्वास यात्रा में आज भी वो कई स्थानों पर जाने वाले हैं। अब देखना है कि नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति में विपक्ष सरकार की और से लाये जाने वाले विधेयक को लेकर क्या रुख अपनाता है, क्योंकि इससे पहले जब पुलिस संशोधन विधेयक नीतीश सरकार लाई थी तो काफी बवाल मचा था। सदन के अंदर पहली बार पुलिस को बुलाना पड़ा था।