February 23, 2025

CPI M 23 मार्च को देशभर में काला कानून के खिलाफ करेगा प्रदर्शन, सीएम नीतीश पर भी कटाक्ष

पटना। देश गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। सफल घरेलू विकास दर हाल के वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। बेरोजगारी पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है। लोगों के खर्च करने की क्षमता में भारी गिरावट आई है और यह गंभीर मंदी का संकेत है। एक के बाद एक बैंकों का दिवाला निकल रहा है और आम लोगों की गाढ़ी कमाई की लूट जारी है। इस गंभीर संकट के दौर में भी भारत सरकार ने अपने बजट में देश के कारपोरेट घरानों को 1,45,000 करोड़ रुपए की टैक्स छूट दी है और दूसरी ओर कृषि एवं कल्याणकारी योजनाओं की राशि में भारी कटौती की गई है। इस गंभीर संकट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगातार विभाजनकारी नीतियां देश पर थोपी जा रही है। पूरे देश में सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ बढ़ते आंदोलनों से बौखलाकर भाजपा और आरएसएस के लोग सिर्फ सांप्रदायिक विभाजन के एजेंडे पर ही काम कर रहे हैं। 23 मार्च भगत सिंह के शहादत दिवस के मौके पर पूरे देश में सीपीआई(एम) एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। उक्त बातें प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सीपीआई(एम) पोलित ब्यूरो सदस्य एस. रामचंद्र पिल्लई, हनान मोल्ला, राज्य सचिव अवधेश कुमार, अरुण कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से कहा।
उक्त नेताओं ने कहा कि केंद्र की सरकार इस गहरे आर्थिक संकट से बाहर निकलने और रोजगार सृजन के जरिए आम लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के बजाय कारपोरेट घरानों के दरबारी बड़ी पूंजीपतियों को लूट की पूरी छूट दे रही है। पीएमसी, यस बैंक तथा पंजाब नेशनल बैंक घोटालों में वही चेहरे शामिल हैं, जो वर्तमान सत्ता के इर्द-गिर्द देखे जाते हैं। नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार भी केंद्र के नक्शे कदम पर चल रही है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एनपीआर के संबंध में दी गई सफाई सिर्फ लोगों को भ्रमित करने का प्रयास है। पार्टी राज्य में सीएए, एनआरसी, एनपीआर के साथ साथ जन समस्याओं से जुड़े फैसलों को लेकर अन्य वामपंथी एवं राजनीतिक संगठनों के साथ मिलकर लगातार संघर्षरत है और आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू की हार को सुनिश्चित करने के लिए कार्य नीति बनाएगी।

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