आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका; आतिशी को कोर्ट का समन जारी, 29 जून को होना होगा पेश
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी मार्लेना को राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन भेजा है और उन्हें 29 जून को पेश होने का आदेश दिया है। यह समन भाजपा दिल्ली के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर द्वारा दायर मानहानि मामले में जारी किया गया है। प्रवीण शंकर कपूर का आरोप है कि आतिशी ने भाजपा पर ‘आप’ विधायकों को तोड़ने का बेबुनियाद आरोप लगाया है, जिसके चलते उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार करते हुए आतिशी को समन जारी किया है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी को एक साथ दो बड़े झटके लगे। एक तरफ, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत एक हफ्ते बढ़ाने की याचिका पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। दूसरी तरफ, राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंत्री आतिशी को मानहानि के मामले में समन भेजा। केजरीवाल कथित शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं और फिलहाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं, लेकिन उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तुरंत सुनवाई से इनकार के बाद संभावना बढ़ गई है कि केजरीवाल को 2 जून को तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया भी पिछले एक साल से जेल में बंद हैं, और सत्येंद्र जैन दो साल से जेल में हैं। स्वाति मालीवाल ने भी पार्टी को लेकर खुलकर नाराजगी जताई है, उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में बदसलूकी और मारपीट का आरोप लगाया है। इन परिस्थितियों में, अब मंत्री आतिशी को भी कोर्ट का समन मिल गया है। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर 25 मई को वोटिंग हो चुकी है, लेकिन अंतिम फेज और चुनाव के नतीजों से पहले यह समन ‘आप’ के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। इस समन ने ‘आप’ की चुनावी स्थिति को और मुश्किल में डाल दिया है, जबकि पार्टी पहले से ही कई संकटों से जूझ रही है। अरविंद केजरीवाल ने कई रैलियों में दावा किया था कि भाजपा ‘आप’ विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इस पर भाजपा के प्रवीण शंकर कपूर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसमें कोर्ट ने अब आतिशी को पेश होने का आदेश दिया है। इस मामले के चलते ‘आप’ सरकार की साख पर और अधिक प्रश्नचिह्न लग गए हैं और चुनावी माहौल में इसका गहरा असर पड़ सकता है। इस घटनाक्रम ने ‘आप’ की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। जहां एक तरफ पार्टी के प्रमुख नेता जेल में हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेताओं पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने तक ‘आप’ के लिए राह और कठिन होती नजर आ रही है। अब देखना होगा कि 29 जून को आतिशी की कोर्ट में पेशी के बाद क्या नया मोड़ आता है और इससे ‘आप’ की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है।