बेतिया : अस्पताल में बेड न होने की वजह से नहीं लिया भर्ती, कोरोना पॉजिटिव एंबुलेंस चालक की गई जान
बेतिया। बिहार में कोरोना से भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस वजह से प्रतिदिन कई लोगों की मौतें हो रही हैं। इसी बीच बेतिया में इलाज न मिलने से 102 एंबुलेंस चालक की जान चली गई। कोरोना पॉजिटिव चालक ने ऑटो में दम तोड़ दिया। मृत चालक मझौलिया के श्यामपुर बैठनिया का था। कोरोना के प्रकोप से जीएमसीएच बेतिया में संसाधनों की कमी की वजह से एक चालक ने अपनी जान गंवा दी। अस्पताल में बेड नहीं होने के कारण उसने एक ऑटो में ही दम तोड़ दिया।
मृतक के भाई नंदलाल महतो ने बताया कि मृतक भरत महतो 102 एंबुलेंस का चालक था। एक सप्ताह पहले ड्यूटी कर घर लौटे थे। कोरोना की जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। घर में इलाज के बाद जब स्थिति बिगड़ी तो मझौलिया पीएचसी में उन्हे भर्ती कराया गया। रविवार को मझौलिया पीएचसी ने बेतिया रेफर कर दिया। मृतक के भाई नंदलाल महतो ने बताया कि ऑटो में वह अपने भाई को लेकर जीएमसीएच पहुंचे थे जहां अस्पताल में बेड नहीं रहने के कारण उन्हें भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद मरीज ने तड़प-तड़प के ऑटो में ही दम तोड़ दिया।
जानकारी यह भी मिल रही है कि इलाज में भेदभाव किए जाने को लेकर एंबुलेंस चालक कामकाज ठप करेंगे। परिजनों का आरोप है कि उनके पहुंचने के बाद अस्पताल में आने वाले दो-तीन मरीजों को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कराया। जबकि उनके भाई को भर्ती नहीं किया गया। एक मरीज को तो खुद डॉक्टर सहारा देकर अस्पताल में ले गए। एंबुलेंस चालकों ने बताया कि जब स्टाफ के साथ ऐसी स्थिति है तो आमलोगों के साथ क्या होता होगा। एंबुलेंस चालकों ने कहा कि हम इस व्यवस्था के विरोध में एंबुलेंस सेवा ठप करने पर विचार कर रहे हैं।