बिहार : सजायाफ्ता कैदी समय से पहले आ सकते जेल से बाहर, जानें किन्हें मिल सकता इसका लाभ
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पटना । कोरोना को देखते हुए सजायाफ्ता कैदी जेल से बाहर आ सकते हैं। 10 साल से कम सजा पाने वाले कैदियों को लाभ मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने सजा पूरी होने से पहले इन कैदियों की रिहाई की अनुशंसा की है। यदि सरकार समिति की अनुशंसा को मानती है तो जल्द कई कैदियों की रिहाई हो सकती है।
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जानकारी के मुताबिक 28 मई और 4 जून को उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई थी। इसमें बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (बालसा) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह के अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद और आईजी कारा एवं सुधार सेवाएं मिथिलेश मिश्र शामिल हुए थे। समिति ने 10 साल तक की सजा वाले वैसे कैदियों की रिहाई की अनुशंसा की है जिनकी सजा खत्म होने में कुछ महीने रह गए हैं।
कारा विभाग के मुताबिक 10 साल तक की सजा वाले कैदियों को छह माह जबकि 7 साल तक की सजावाले को 5 माह पहले रिहा करने की अनुशंसा की गई है। वहीं पांच साल तक जिनकी सजा है उन्हें सजावधि के पूरा होने से 3 माह और 3 साल तक की सजा पाए कैदियों को 2 महीने पहले छोड़ने की अनुशंसा भी इसमें शामिल है। आईजी मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने कैदियों की रिहाई को लेकर अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी है।
उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी है। अब राज्य सरकार इसपर अंतिम फैसला लेगी। यदि सरकार अनुशंसा को मान लेती है तो 100 के करीब कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा।
प्रदेश की जेलों में फिलहाल सजायाफ्ता बंदियों की संख्या 7 हजार के करीब है। वहीं विचाराधीन और सजायाफ्ता दोनों को मिला दिया जाए तो यह संख्या 56 हजार के आसपास है। बिहार के सभी जेलों को मिलाकर 46619 कैदियों को रखने की क्षमता है।