CM नीतीश बोले- जल संचयन के कार्यों में कहीं कोई अवरोध हो तो तुरंत दूर करें, नहरों में जलापूर्ति जारी रखें
- मुख्यमंत्री ने अल्प वर्षापात से उत्पन्न संभावित स्थिति की समीक्षा की, दिये निर्देश
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में अल्प वर्षापात से उत्पन्न संभावित स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वर्ष 2022 में 1 जून से 8 जुलाई की अवधि में वर्षापात की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 8 जिलों अररिया, बेगूसराय, बक्सर, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया एवं सुपौल को छोड़कर शेष 30 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से भी कम वर्षापात दर्ज किया गया है। उन्होंने वर्ष 2017 से 2021 तक के वर्षापात की वर्षवार विचलन प्रतिशत की स्थिति भी बतायी। उन्होंने बताया कि नहरों में जल की आपूर्ति की जा रही है। वहीं समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने बताया कि अब तक राज्य में 15 से 20 प्रतिशत रोपनी का कार्य हुआ है। अल्प वर्षापात के कारण संभावित उत्पन्न परिस्थिति से निपटने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्प वर्षापात के कारण संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रभावित किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच वैकल्पिक फसल हेतु प्रचार-प्रसार करें। वैकल्पिक फसल हेतु बीज की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
सीएम ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान की शुरूआत जल के संरक्षण एवं हरियाली को बढ़ाने के लिए की गयी है। उक्त अभियान के सभी अवयवों के कार्य प्रगति की नियमित समीक्षा करते रहें। जल संचयन के कार्यों में कहीं कोई अवरोध हो तो उसे जल्द दूर करें। नहरों में जलापूर्ति लगातार जारी रखें।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।