पटना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास का किया घेराव, पुलिस ने की बैरिकेडिंग, कन्हैया और पायलट ने लगाए नारे

पटना। पटना में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन सदाकत आश्रम से शुरू होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास की ओर बढ़ा। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं से जुड़े मुद्दों को सरकार के सामने मजबूती से रखना था। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेता भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे, जो रोजगार और पलायन जैसे अहम मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस प्रशासन ने राजापुल इलाके में बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वाटर कैनन भी तैनात किए गए थे। सुप्रिया श्रीनेत ने इस मौके पर बिहार में व्याप्त बेरोजगारी और युवाओं के पलायन को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है। न तो रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं और न ही पलायन जैसी बड़ी समस्या पर कोई ठोस कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार सो रही है तो कांग्रेस उसे जगाने का काम करेगी। उन्होंने दावा किया कि इस बार 8 करोड़ युवाओं ने बदलाव का मन बना लिया है।प्रदर्शन से पहले सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में कांग्रेस महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी, लेकिन मुख्यमंत्री पद का फैसला चुनाव परिणाम के बाद ही होगा। उन्होंने नीतीश कुमार के भाजपा के समर्थन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें मोदी जी का साथ देना ही था तो कम से कम बिहार के युवाओं के लिए 10-20 लाख नौकरियों की मांग कर लेते। इससे कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन जब समर्थन की कीमत बिहार के युवाओं के भविष्य से चुकाई जा रही हो, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। कांग्रेस का यह प्रदर्शन न केवल एक राजनीतिक कदम है, बल्कि यह बिहार के युवाओं की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर उठाने की एक कोशिश भी मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस तरह के आंदोलनों का सरकार पर क्या असर पड़ता है।
