कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामदेव राय का निधन,छह बार विधायक थे,सोनिया-राहुल,गोहिल समेत वरिष्ठ कांग्रेसियों ने जताया शोक
पटना।कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामदेव राय का निधन हो गया है।विधायक रामदेव राय पिछले 2 वर्षों से प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे।हालांकि अभी भी वे राजनीतिक रूप से सक्रिय थे तथा पिछले सप्ताह भागलपुर में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल हुई हुए थे।विधायक रामदेव राय के निधन से कांग्रेस समेत राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।विदित हो कि रामदेव राय 6 बार विधायक रह चुके थे।कांग्रेस विधायक रामदेव राय के निधन पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी,राहुल गांधी,बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल,सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर,अजय कपूर प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा,राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश सिंह,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह, विधायक अमिता भूषण,प्रवक्ता राजेश राठौर रिसर्च विंग के अध्यक्ष आनंद माधव,कांग्रेस नेत्री जया मिश्रा ने शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस ने विधायक रामदेव राय के निधन को पार्टी राष्ट्र व समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।उल्लेखनीय है कि रामदेव राय 13 वर्ष की उम्र से ही छात्र नेता के रूप में सामाजिक कार्य शुरू कर दिया था। वहीं 29 साल के उम्र में वर्ष 1972 में पहली वार बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं विधानसभा में 1973 में उन्हें मंत्री बनाया गया। जनता के बीच लोकप्रियता के कारण वह बछवाड़ा विधानसभा में दूसरी बार भी 1977 में चुनाव जीते। वहीं वर्ष 1980 में जब चुनाव हुआ तो उन्होंने बछवाड़ा विधानसभा से लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर मिसाल कायम की और उन्हें दोबारा मंत्री पद दिया गया था। वर्ष 1984 में लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से बिहार के जनप्रिय नेता पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे और भारी मतों से विजय प्राप्त कर लोकसभा पहुंचे थे। फिर विधानसभा चुनाव 2005 फरवरी में कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने पर बछवाड़ा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। बिहार विधानसभा में सरकार नहीं बनाने को लेकर वर्ष 2005 के नवंबर में मध्यावधि चुनाव में पुन: कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पांच बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का नेतृत्व कर चुके हैं।वहीं उम्र दराज होने के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने इनकी नेतृत्व क्षमता के कारण सातवीं बार भरोसा कर वर्ष 2015 में बछवाड़ा विधानसभा से महागठबंधन के कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में टिकट दिया और छठी बार भी वे चुनाव जीत कर पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे थे।