February 6, 2025

ममता को मनाने में जुटा कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, जयराम रमेश बोले- दीदी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं

नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि – उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है। ऐसे में दीदी के इस बयान के बाद इंडिया में मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है। वहीं, दीदी के सख्त तेवर देखते हुए कांग्रेस अब डैमेज कंट्रोल मोड में है। कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वे ममता बनर्जी के बिना गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते। असम के बारपेटा में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, कि ममता बनर्जी ने कहा है कि हम बीजेपी को हराना चाहते हैं और बीजेपी को हराने के लिए हम कुछ भी करेंगे। हमलोग साथ है और साथ में ही चुनाव लड़ेंगे।
टीएमसी इंडिया गठबंधन के बहुत मजबूत स्तंभ हैं : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने साफ कहा कि ममता जी और टीएमसी इंडिया गठबंधन के बहुत मजबूत स्तंभ हैं। हम ममता जी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते। इंडिया गठबंधन पश्चिम बंगाल में भी गठबंधन की तरह ही लड़ेगा। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बीच जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कई बार घोषणा की है कि सभी इंडिया गठबंधन दलों को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे पहले टीएमसी सुप्रीमो ने इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए कहा, “मेरी कांग्रेस पार्टी से कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हम अकेले ही बीजेपी को हराएंगे।” उनकी यह टिप्पणियां तब आयी है जब एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम में कहा कि सीटों के बंटवारे पर तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत चल रही है। ममता बनर्जी पहले कांग्रेस का ही हिस्सा थीं। 1998 में बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी टीएमसी बनाई। 2011 में उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन कर लेफ्ट को सत्ता से बेदखल किया लेकिन एक साल बाद ही दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। 2012 में ममता बनर्जी ने यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया। उस वक्त से कांग्रेस और टीएमसी अलग-अलग चुनाव लड़ती आ रही हैं। अलग चुनाव लड़ने का ये सिलसिला सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं है। पिछले कुछ सालों में टीएमसी ने गोवा, त्रिपुरा और मेघालय में भी कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोकी है।

You may have missed