पेपर लीक के आरोपियों की संपत्ति जब्त करेगी बिहार सरकार, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

पटना। बिहार सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है। इसके लिए आर्थिक अपराध इकाई ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। बीपीएससी और सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड में फरार आरोपियों की खोजबीन तेज कर दी गई है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के मास्टरमाइंड समेत कई गिरोह के सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ईओयू ने कोलकाता से शेल कंपनी के डायरेक्टर समेत छह से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, प्रश्नपत्रों की ढुलाई करने वाली एजेंसी के कुछ कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया है। नीट पेपर लीक कांड में अब भी कई आरोपी फरार हैं। मास्टरमाइंड संजीव मुखिया समेत अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ईओयू को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। यदि फरार आरोपी जल्द ही आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू होगी। नीट और अन्य पेपर लीक मामलों में फरार आरोपियों की संपत्ति की जांच ईओयू ने पहले ही शुरू कर दी है। जांच के बाद, आय से अधिक संपत्ति के मामलों में मामला दर्ज किया जाएगा और आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया में सबसे पहले संजीव मुखिया और उसके बेटे शिव कुमार समेत अन्य प्रमुख आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। शुरुआत में कुछ चुनिंदा आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कार्रवाई से बिहार सरकार का उद्देश्य पेपर लीक जैसी घटनाओं पर कड़ी लगाम लगाना है और भविष्य में होने वाले ऐसे अपराधों को रोकना है। इस कदम से न केवल पेपर लीक में शामिल अपराधियों को सबक मिलेगा, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक कड़ा संदेश जाएगा कि कानून तोड़ने पर सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। सरकार का यह कदम राज्य में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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