देश भर के प्रतियोगी छात्रों को उम्र में दी जाए दो साल की छूट : राजेश राठौड़

पटना। बिहार सहित देश में कोरोना के कारण शैक्षणिक गतिविधियां रुकी पड़ी हैं, इसलिए सभी तरह के प्रतियोगी छात्रों के भविष्य का ख्याल रखते हुए उनकी तय उम्र सीमा में दो वर्षों का इजाफा करना चाहिए। ये बातें बिहार कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र पहले से ही केंद्र की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। ऐसे में कोरोना के कारण उनकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जरूरी पढ़ाई न होने की स्थिति में केंद्र सहित राज्य सरकार को ऐसे छात्रों की भलाई के लिए विभिन्न परीक्षाओं के तय उम्र सीमा को बढ़ाना चाहिए। जिससे ऐसे छात्र अपने भविष्य को लेकर अवसाद की स्थिति में न जाएं, साथ ही उनके समक्ष प्रयासों की कमी के वजह से बेरोजगारी की समस्या न पैदा हों।
राजेश राठौड़ ने कहा कि पिछले साल से हमारे छात्र आनलाइन क्लास करने को मजबूर हैं जबकि कई गरीब छात्र आनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें आने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उचित शैक्षणिक मार्गदर्शन नहीं मिल सका। ऐसे छात्रों के भविष्य का ध्यान रखते हुए देश की तमाम राज्य सरकारों को अविलंब ऐसे प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्र सीमा में दो वर्ष की छूट देनी चाहिए।

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