बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर इंडिया गठबंधन का प्रतिरोध मार्च, सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाज़ी
- प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी; अखिलेश बोले- ब्यूरोक्रेट्स सरकार चला रहे, जनता भगवान भरोसे
पटना। बिहार में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं व लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने प्रतिरोध मार्च निकाला है। इनकम टैक्स चौराहे से ये मार्च शुरू हुआ है। जो डीएम ऑफिस तक जाएगा। राजद-कांग्रेस, माले और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन इनकम टैक्स गोलंबर पर बैरिकेडिंग तोड़ प्रदर्शनकारी आगे बढ़ गए हैं। विपक्ष का मार्च डाक बंगला की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह कहा कि बिहार में जो लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था है, इसमें कई पत्रकारों की भी हत्या हो गई। 4-5 ब्यूरोक्रेट्स से सरकार चला रहे हैं। लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है। लालू सरकार में भी इस तरह से हत्या नहीं हो रही थी। वहीं लॉ-एंड-ऑर्डर को लेकर कल हुई सीएम की बैठक पर कहा कि वो दिखावा है। जब महागठबंधन ने प्रतिरोध मार्च की बात की तो बैठक बुलाई गई। जबतक काबिल अफसर की नियुक्ति नहीं होगी, हालात नहीं सुधरेंगे। बता दें कि 22 जुलाई से बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, उससे पहले विपक्षी पार्टियां अपनी गोलबंदी तेज कर रही है। नीतीश सरकार को घेरने के लिए सड़क पर भी आंदोलन कर रहे हैं।
तेजस्वी के निशाने पर डबल इंजन सरकार
कानून व्यवस्था को लेकर तेजस्वी यादव लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगातार तेजस्वी यादव बिहार में हो रही अपराधी घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर निशान साधते रहे हैं। पूरे बिहार में हो रही अपराधी घटनाओं को लेकर तारीख के हिसाब से भी तेजस्वी यादव बिहार की डबल इंजन की सरकार पर निशाना साध चुके हैं। पिछले तीन दिनों में तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार में हो रही आपराधिक घटनाओं के लिए बिहार की सरकार पर पांच बार सवाल खड़े किए हैं। वहीं, पुल गिरने की घटना को लेकर लगातार नीतीश सरकार के साथ-साथ नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी उंगली उठाते रहे हैं।
मुकेश सहनी के पिता की हत्या पर सियासत
विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद पूरा विपक्ष बिहार में लचर कानून व्यवस्था को लेकर बिहार की सुशासन की सरकार पर सवाल खड़ा कर रहा है। 16 जुलाई को जीतन सहनी की हत्या दरभंगा स्थित उनके आवास पर चाकू से गोदकर कर दी गई थी। इस हाई प्रोफाइल मर्डर के अगले ही दिन छपरा में ट्रिपल मर्डर और मोतिहारी में डबल मर्डर की घटना से बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे थे।
कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक
बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। सीएम ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने गृह विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में और पुलिस महानिदेशक आरएस भट्ठी ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने आला अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें।
बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर सवाल
बिहार में जब से नीतीश कुमार की सरकार बनी, तब उनकी सरकार को सुशासन की सरकार की संज्ञा दी गई। सरकार के घटक दल हों या खुद मुख्यमंत्री बिहार की सरकार को सुशासन की सरकार की संज्ञा देते हैं लेकिन पिछले 2 महीने में जिस तरीके से बिहार में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है, इससे बिहार की सरकार के इकबाल पर सवाल उठने लगा है। अब सवाल उठता है कि समीक्षा बैठक के बाद बिहार में पुलिस प्रशासन कितना एक्टिव होती है और अपराध पर कितना नियंत्रण कर पाती है, यह देखने वाली बात होगी।