December 16, 2024

बीपीएससी की परीक्षा नहीं हुई लीक; ईओयू का बड़ा दावा, तीन कोचिंग संस्थाओं ने अभ्यर्थियों से कराया हंगामा

  • दोषियों की खैर नहीं: 400 अभ्यर्थियों के खिलाफ चार्टशीट होगी दायर, जल्द शुरू होगी गिरफ्तारी की प्रक्रिया

पटना। 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर उठे विवाद में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बड़ा खुलासा किया है। परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की कथित खबरों के कारण पटना के बापू परीक्षा केंद्र में छात्रों ने हंगामा किया था। लेकिन बीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में पेपर लीक की कोई घटना नहीं हुई। इसके विपरीत, इस हंगामे के पीछे तीन कोचिंग संस्थानों की साजिश होने का खुलासा हुआ है।
पेपर लीक की अफवाह और हंगामा
पिछले शुक्रवार को सोशल मीडिया पर 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह तेजी से फैल गई। इसके बाद बापू परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे छात्रों ने हंगामा कर दिया। कई छात्रों ने पेपर की शुचिता पर सवाल उठाते हुए बीपीएससी के खिलाफ प्रदर्शन किया। लेकिन आयोग ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन दावों को खारिज कर दिया। बीपीएससी ने दावा किया कि परीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से आयोजित की गई थी और पेपर लीक की खबरें आधारहीन हैं।
ईओयू का बड़ा खुलासा
इस घटना के चार दिनों बाद, सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में अहम खुलासे किए। ईओयू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि हंगामे के पीछे तीन प्रमुख कोचिंग संस्थानों की भूमिका सामने आई है। डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि इन कोचिंग संस्थानों ने अपने स्वार्थ साधने के लिए छात्रों को गुमराह किया और उन्हें हंगामा करने के लिए उकसाया। यह हंगामा बीपीएससी की छवि को धूमिल करने और परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने की साजिश का हिस्सा था।
कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी
ईओयू ने बताया कि इन तीन कोचिंग संस्थानों के संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में कोर्ट से वारंट लिया जा रहा है, और जल्द ही इन संचालकों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके साथ ही, आर्थिक अपराध इकाई ने यह भी कहा कि इस साजिश में शामिल अन्य लोगों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा। ईओयू अगले दो हफ्तों में इस मामले से जुड़े करीब 400 अभ्यर्थियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
क्या है कोचिंग संस्थानों की भूमिका?
ईओयू की जांच में सामने आया है कि ये कोचिंग संस्थान बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा को प्रभावित करने की कोशिश में जुटे थे। इन संस्थानों ने छात्रों को गुमराह करते हुए यह झूठ फैलाया कि प्रश्नपत्र पहले ही लीक हो चुका है। छात्रों को भड़काने और हंगामा करने के पीछे इन संस्थानों का मकसद था बीपीएससी की प्रक्रिया को बदनाम करना और अपने संस्थान को छात्रों के लिए अनिवार्य दिखाना।
परीक्षार्थियों को सतर्क रहने की जरूरत
इस घटना ने बीपीएससी परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया है। छात्रों को समझना होगा कि किसी अफवाह के आधार पर परीक्षा प्रणाली पर संदेह करना न केवल उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि ऐसी साजिशों में फंसकर वे खुद भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
बीपीएससी की साख और पारदर्शिता
बीपीएससी ने हमेशा से अपनी परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। इस तरह की अफवाहें आयोग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं। आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई का जो कदम उठाया है, वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में एक सख्त संदेश है।
सरकार की भूमिका
बिहार सरकार और बीपीएससी इस पूरे मामले को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं। सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई को पूरी छूट दी है कि वह दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, परीक्षा केंद्रों की निगरानी और सुरक्षा को और मजबूत करने के उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा से जुड़ी यह घटना एक महत्वपूर्ण सीख है। परीक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में अफवाहों और साजिशों से बचने के लिए परीक्षार्थियों को सतर्क रहना चाहिए। साथ ही, इस घटना में कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। बीपीएससी और ईओयू की कार्रवाई यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed