September 21, 2024

जातिगत जनगणना के मसले पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, 23 का दिया समय

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मसले पर चर्चा करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

सीएम नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना करने को बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम से मिलने का समय मांगा था। जिस पर पीएम ने 23 अगस्त को मिलने का समय दिया है, इसके लिए धन्यवाद।

इसके ठीक पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने सीएम नीतीश और विपक्ष के एक प्रतिनिधि को 23 अगस्त को 11 बजे उनसे मिलने का समय दिया है।

तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष ने बिहार विधानसभा में जातिय जनगणना का मुद्दा लगातार उठाया है और पिछले दिनों सदन ने दो प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित भी किया था। सीएम के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी पीएम मोदी को जातीय जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था।

तेजस्वी ने अन्य पिछड़ी जातियों पर राज्यों के अधिकार पर भ्रम को दूर करने के लिए सोमवार को पीएम की प्रशंसा की थी व कहा था कि उन्हें आशा है कि वह जातिगत जनगणना से संबंधित मामले पर चर्चा करेंगे।

2011 में सामाजिक-आर्थिक व जातिगत जनगणना की गई थी। हालांकि कई विसंगतियों के कारण जाति के आंकड़ों को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया।

अब तक, जनगणना केवल धर्म और एससी/एसटी आबादी के आधार पर जनसंख्या की गणना करती है। देश में पिछली बार जाति-आधारित जनगणना 1931 में हुई थी।

विशिष्ट हिंदू जातियों के लिए 1931 की जनगणना और अन्य सभी के लिए 1961 की जनगणना के अनुमानों के अनुसार, राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 51.3 प्रतिशत थी।

बता दें कि नीतीश कुमार ने चार अगस्त को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और जाति आधारित जनगणना पर चर्चा के लिए मिलने का समय मांगा था। पीएम की तरफ से मिलने का समय नहीं देने को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीएम पर लगातार हमला कर रहे थे।

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