सीएम नीतीश ने कहा-बिहार में एनआरसी नहीं,जातिगत जनगणना को भी बताया जरूरी,प्रशांत किशोर के ‘स्टेटमेंट’ पर लगी मुहर
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पटना।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों के विशेष सत्र के दौरान साफ-साफ कह कि बिहार में किसी भी हाल में एनआरसी लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी एनआरसी को लेकर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इसके विरोध में एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं।प्रशांत किशोर ने कई दफा एनआरसी का विरोध किया है। जिस कारण जदयू के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर भी उन्हें रहना पड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ताजा बयान के क्या दूरगामी राजनीतिक ‘इफेक्ट’ हो सकते हैं।यह तो आने वाला वक्त बताएगा मगर नीतीश कुमार के इस ताजा बयान ने प्रदेश में एनआरसी की वकालत कर रहे भाजपा नेताओं को अनकही ‘लताड़’ लगा दी है।नीतीश कुमार ने इस दौरान साफ-साफ कहा है कि एनआरसी का बिहार में कोई सवाल ही नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य किसी राज्य के लिए एनआरसी आया ही कहां था।एनआरसी तो केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी तो असम के लोगों के साथ इसे लेकर बात हुई थी। एनआरसी का देश में औचित्य नहीं है।उन्होंने कहा कि खुद पीएम भी इसके बारे में साफ-साफ बोल चुके हैंं।एनआरसी की बात असम के संदर्भ में हुई थी।साथ ही नीतीश कुमार ने कहा है कि हम सीएए पर भी पूरे विस्तार से सदन में चर्चा करेंगे। वहीं, जनगणना की बात पर उन्होंने कहा कि 2010 में एनपीआर का बात हुआ था।अब ये बात आ रही है कि अन्य चीजों के बारे में पूछा जा रहा है।उन्होंने कहा कि इसके बारे में मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जैसे अभी हरियाली योजना की शुरूआत हुई है।मेरा ध्यान इस पर केंद्रित है।मैं सहमत हूं कि सदन में एनपीआर पर चर्चा होगी और किसी भी विषय पर सदन पर जरूर चर्चा होनी चाहिए।जनगणना को लेकर नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि इस बात के हमलोग भी पक्षधर हैं कि कास्ट बेस्ड जनगणना जरूर होनी चाहिए।आखिरी बार ये 1930 में हुआ था और 1930 के बाद कभी नहीं हुआ। 2010 में भी इसको लेकर मांग उठा था।जनगणना के बाद अलग से इसे किया गया लेकिन पूरी बात नहीं आई। आंकड़े भी प्रकाशित नहीं हो पाए।उन्होंने कहा कि 1930 के बाद एक बार और तो होना ही चाहिए।अलग-अलग धर्मों को मानने वालों की गिनती हो जाती है लेकिन बाकी कास्ट की गिनती नहीं होती है। केंद्र सरकार को भी हमलोग अपनी फीलिंग बताएंगे कि हम क्या चाहते हैं।
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