सीएम नीतीश ने चिराग पासवान के खिलाफ खेला मास्टर स्ट्रोक,दलितों को ‘हिप्टोनाइज’ करने का प्रयास
पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के राजनीति में अपने खिलाफ ध्रुवीकरण को रोकने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने मास्टर स्ट्रोक के रूप में दलित कार्ड खेला है।सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा किया है की प्रदेश में किसी दलित की हत्या होती है।तो उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।माना जा रहा है की सीएम नीतीश कुमार की यह घोषणा चिराग पासवान के तरफ से किए जा रहे प्रेशर पॉलिटिक्स की धार को बेअसर करने के लिए है। दरअसल बिहार के राजनीति में कहने के लिए जदयू तथा लोजपा दोनों ही एनडीए के हिस्सा हैं। मगर सीटों के तालमेल को लेकर दोनों के बीच अनबन जारी है।ऐसे में लोजपा के द्वारा सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर पॉलीटिकल प्रेशर का गेम खेला जा रहा था।बिहार में लोजपा के आधार वोट दलित को ही माना जाता है।ऐसी स्थिति में लोजपा के मंसूबों को असरहीन करने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने ना सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उनकी पूरी पार्टी के साथ अपने गठबंधन में स्थान दिया।बल्कि दलित हत्या पर परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी के ऐलान के साथ दलितों को एक बार फिर ‘हिप्टोनाइज’ करने का प्रयास किया है।गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जब से एनडीए के साथ आए हैं।तब से उनके निशाने पर लोजपा तथा चिराग पासवान ही हैं।उल्लेखनीय है कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा की अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिये तत्काल नियम बनायें। अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण के लिये हर जरूरी कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान के लिये तथा उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिये कई योजनायें चलाई जा रही है, अन्य संभावनाओं/योजनाओं पर भी विचार करें। इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिये सब कुछ किया जायेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा।