February 7, 2025

जनता के दरबार में CM : नीतीश ने 134 लोगों की समस्याओं को सुना, संबंधित विभागों के अधिकारियों को समुचित कार्रवाई के निर्देश

  • कोरोना से मौत भले ही बिहार से बाहर हुई, लेकिन वह बिहार की निवासी है, मुआवजा मिलनी चाहिए

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 134 लोगों की समस्याओं को सुना, जिसमें 25 महिलाएं और 109 पुरुष थे और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। जनता दरबार कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग, सूचना प्रावैद्यिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
आप नियोजित शिक्षक नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं
अरवल से आये एक शिक्षक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम नियोजित शिक्षक हैं और अन्यत्र कहीं स्थानांतरित कर दिये गये हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप नियोजित शिक्षक नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षक की शिकायत पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिये।
कोरोना से मौत पर मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत
एक व्यक्ति की शिकायत थी कि उसकी पत्नी को कोरोना हो गया था, उस समय वे उसे लेकर दिल्ली चले गए, जहां उनकी पत्नी की मौत हो गई। जब पत्नी की मौत के बाद मुआवजे के लिए आवेदन दिया गया तो बताया गया कि मौत बिहार से बाहर हुई है, इसलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला की मौत भले ही बिहार से बाहर हुई है लेकिन वह बिहार की निवासी है, ऐसे में मुआवजा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संबंध में उचित कार्रवाई करें।
प्रोत्साहन राशि नहीं मिली
बांका जिले के शंभुगंज प्रखंड से आयी एक युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम स्नातक पास हैं। इसके बाद भी मुझे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये। एक अन्य युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसकी टीम में 10 लड़कियां हैं और सबने मिलकर दहेज प्रथा और बाल विवाह पर काम किया था, लेकिन अभी तक उन लोगों को काम का भुगतान नहीं किया गया है। इस समस्या को लेकर वे लोग जहां भी जाती हैं उनसे यही कहा जाता है कि भुगतान कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांचोपरांत समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।


प्राइवेट बैंक में पैसा क्यों जमा किये थे
भोजपुर से आए एक फरियादी ने कहा कि उसने 2016 में सहारा इंडिया में पैसा जमा किया था लेकिन उसका सारा पैसा डूब गया। यह सुनते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारा इंडिया तो प्राइवेट बैंक है। प्राइवेट बैंक में पैसा क्यों जमा किये थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले में भी अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये।
ये भी शिकायतें आयी
वहीं बेगूसराय के खोदावन प्रखंड के राजू कुमार विकलांगता प्रमाण पत्र को लेकर तो गोपालगंज की सुश्री सोनी कुमारी बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की तीसरी किश्त के नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंची। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके समाधान का निर्देश दिया। पश्चिम चंपारण के योगापट्टी के नेसार अहमद ने रोजगार लोन नहीं मिलने के संबंध में तो पूर्णिया जिले के बड़हारा प्रखंड के गौरव कुमार सिंह शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली के संबंध में तो नालंदा जिले के रहुई प्रखंड की किरण कुमारी ने आंगनबाड़ी में अनियमित नियुक्ति के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया। पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड के अश्विनी कुमार ने आम नागरिकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी बात रखी तो वहीं पटना सदर के केसरी किशोर ने वर्ष 2015 में भूकंप त्रासदी के कारण मकान के धंस जाने को लेकर अब तक मुआवजे नहीं मिलने के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके समाधान का निर्देश दिया।

कार्यक्रम में रहे मौजूद
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार, अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री संतोष कुमार सुमन, सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल समेत संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

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