जनता दरबार में देर से फोन उठाने पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पर भड़के सीएम, कहा- यहीं बगल में सामने बैठे हैं, फिर फोन नहीं लग रहा
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार आज जनता दरबार में लोगों की समस्याएं को सुन रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पर भड़क गए। दरअसल भागलपुर से आए एक फरियादी ने जमीन पर कब्जा करने और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत लेकर आया था। जिस पर वहां मौजूद अधिकारी को सीएम ने सीएस को फोन लगाने को कहा। पहले तो उनका फोन लग नहीं रहा था। फिर फोन उठाने में देर होने पर मुख्यमंत्री नाराज दिखे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की क्लास लगा दी। जैसे ही आमिर सुबहानी ने फोन रिसीव किया, सीएम भड़क गए। उन्होंने कहा कि बड़ी देर से फोन उठा रहे हैं। यहीं बगल में सामने बैठे हैं, फिर भी। फोन ही नहीं लग रहा है। इसके बाद सीएम नीतीश ने मुख्य सचिव से कहा कि इसकी शिकायत सुनिए। देख लीजिए भागलपुर से एक शख्स आए हैं, उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है और वह लगातार इससे परेशान हैं देखकर इनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द करिए।
सिपाही ने दूसरे की जमीन पर किया कब्जा
वहीं गोपालगंज से आए एक फरियादी ने कहा कि एक सिपाही ने मेरी जमीन को कब्जा कर लिया गया है। इस पर सीएम नीतीश कुमार ने तुरंत एक्शन लेते हुए राजस्व विभाग के अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि देख लीजिए सिपाही ने हीं जमीन को कब्जा कर लिया है इस पर तुरंत एक्शन लीजिए। गोपालगंज से आए एक अन्य फरियादी ने कहा कि उसकी जमीन को ब्रोकर ने हड़प लिया गया और उसके पिता की हत्या कर दी गई। आगे उसने कहा कि वह ब्रोकर अभी भी खुलेआम घूम रहा है और लगातार मुझे धमकी दे रहा है कि जो आपके पिताजी के साथ हुआ है। वह आपके साथ भी होगा इससे अच्छा आप इस केस को वापस ले लीजिए। आगे उसने कहा कि शाम 6 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया। इस पर सीएम नीतीश कुमार ने तुरंत एक्शन लेते हुए अफसर को फोन लगाया और उन्होंने कहा कि गोपालगंज से एक युवक आया इसे लगातार धमकी मिल रही है, जरा इसको देख लीजिए।
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए हॉल में लगा है। जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहे। वही आज जिन विभागों की सीएम शिकायत सुन गये। वह अधिकांश विभाग सीएम के पास ही है। सबसे अधिक शिकायत लोगों की पुलिस और भूमि विवाद से ही रहता है। वहीं सीएम आज गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, कारा विभाग, मद्य निषेध विभाग, निगरानी विभाग खान एवं भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की।