मुख्यमंत्री ने नए साल में पहली बार बुलाई कैबिनेट की बैठक, कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2025 में अपनी पहली कैबिनेट बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। यह बैठक शुक्रवार, 10 जनवरी को मंत्रिमंडल सचिवालय के कैबिनेट हॉल में आयोजित होगी। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी और महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है।
आगामी बजट सत्र की तैयारियां
इस बैठक का मुख्य फोकस आगामी बजट सत्र की तैयारियों पर होगा, जो अगले महीने से शुरू होने जा रहा है। सभी विभागों को बजट सत्र के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। कैबिनेट में बजट सत्र के एजेंडे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके साथ ही, राज्य में विकास योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों पर भी चर्चा होगी।
पिछली बैठक के अहम निर्णय
पिछली कैबिनेट बैठक में कुल 43 एजेंडों पर मुहर लगाई गई थी। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण निर्णय बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली में संशोधन का था। इस संशोधन के तहत शिक्षक सक्षमता परीक्षा देने के अवसरों को तीन से बढ़ाकर पांच बार कर दिया गया। इससे शिक्षक अभ्यर्थियों को अधिक मौके मिलेंगे, जो शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय
कैबिनेट ने छठे केंद्रीय वेतनमान के तहत महंगाई भत्ते में वृद्धि का भी निर्णय लिया था। महंगाई भत्ता 239 प्रतिशत से बढ़ाकर 246 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। यह फैसला राज्य सरकार के कर्मचारियों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
बैठक में संभावित एजेंडे
नई बैठक में कई विकास परियोजनाओं, नीतिगत फैसलों और प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा हो सकती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में नई योजनाओं को मंजूरी मिल सकती है। इसके अलावा, वित्तीय प्रबंधन और राज्य के विकास को गति देने के लिए नए प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा से राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दी है। इस बैठक में उनके नेतृत्व में लिए गए फैसले न केवल राज्य की प्रगति को दिशा देंगे, बल्कि आने वाले बजट सत्र की रूपरेखा भी तय करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई यह कैबिनेट बैठक राज्य के लिए नई योजनाओं और विकास की दिशा में अहम साबित होगी। बजट सत्र की तैयारियों के साथ-साथ पिछली बैठक में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की जाएगी। उम्मीद है कि इस बैठक में लिए गए निर्णय राज्य की जनता के हितों को प्राथमिकता देंगे और बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।