पटना के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार, 2024 तक वायु प्रदूषण को 20-30% कम करना लक्ष्य
* क्लीन एयर एक्शन प्लान के क्रियान्वयन में जवाबदेही, निगरानी एवं सामूहिक प्रयास जरूरी
* ‘कैन’ ने एनफोर्समेंट एजेंसियों से विजन के साथ ठोस काम करने की अपील की
पटना। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने राजधानी पटना में स्वच्छ वायु कार्य योजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) को वास्तविक धरातल पर बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के मुद्दे पर रचनात्मक विमर्श के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें इस कार्य योजना की कमियों को दुरूस्त करने के लिए सुदृढ़ रणनीतियों को अमल में लाने पर चर्चा की गयी। सीड के ‘क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क’ (कैन) के तत्वावधान में आयोजित इस परिचर्चा में पटना और समीपवर्ती इलाकों के 40 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिक समूहों ने स्वच्छ एवं सांस लेने योग्य हवा बहाल करने के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया और वायु प्रदूषण नियंत्रण में सभी सरकारी विभागों एवं क्रियान्वयन एजेंसियों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए ठोस कदम उठाने पर बल दिया।
सीड में सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ज्योति ने कहा कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अनुरूप वर्ष 2019 में राज्य सरकार द्वारा पटना के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया और इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण को 20-30 प्रतिशत तक कम करना है। हालांकि, दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पटना में जमीनी स्तर पर ज्यादा काम देखने को नहीं मिला है और यह अब भी देश के प्रमुख प्रदूषित शहरों में गिना जाता है। पिछले 5 वर्षों के आंकड़ों का निष्कर्ष है कि पटना में 2016 से वायु प्रदूषण की स्थिति बढ़ती जा रही है। सीड द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार बीते 7 माह (जनवरी से जुलाई, 2021) में पटना में हवा की गुणवत्ता कुल दिनों में केवल 7 दिन (3 प्रतिशत दिन) ही ‘अच्छी’ रही, जबकि 97 प्रतिशत दिनों में यह सांस लेने के लायक नहीं थी। उन्होंने एनफोर्समेंट एजेंसियों से क्लीन एयर एक्शन प्लान के ठोस क्रियान्वयन की अपील करते हुए कहा कि शहर की वायु गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार के लिए एक्शन प्लान का उचित क्रियान्वयन और निगरानी बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में संबंधित एजेंसियों की तरफ से दीर्घकालिक समाधान के कई कदम उठाये जाने चाहिए।
इस अवसर पर क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन) पटना की एक सदस्य और तरुमित्र संस्था से जुड़ी देवोप्रिया दत्ता.ने कहा कि ‘यह समय की मांग है कि शहर में स्वच्छ और स्वस्थ हवा सुनिश्चित करने के लिए समन्वयात्मक दृष्टिकोण से सभी स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय भागीदारी हो। इसी क्रम में स्वच्छ वायु कार्य योजना की मॉनिटरिंग कमिटी में सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिक समूहों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए, ताकि स्थानीय चिंताओं, जरूरतों और मांगों के मद्देनजर समाधान के प्रभावी कदम उठाए जायें।
वेबिनार में राज्य के प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों शाइस्ता अंजुम, प्रमेन्द्र सिंह, अनीसा जलाल, शिवम सिंह, काशिफ जमील, सत्यम झा, उज्जवल कुमार, शोमा आनंद, अभिषेक आनंद, रत्नेश कुमार, मोनिका प्रिया, आनंद कुमार, तनवीर, मुकेश कुमार, रश्मि, शशि, गौतम गुलाल, अनिल रॉय, नवनीत आदि की सक्रिय भागीदारी रही और सबने एकमत से स्वच्छ वायु कार्य योजना के परिणामोन्मुख कदमों और सामूहिक सहभागिता पर जोर दिया।