लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना उनके प्रति देश के कृतज्ञताज्ञापन जैसा : सुशील मोदी
पटना। केंद्र सरकार द्वारा लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा करना पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने राम-भक्तों की सम्मान बताया है। उन्होंने आगे कहा की श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी के प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मात्र 11 दिन बाद राम मंदिर आंदोलन के महानायक व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा देश के कोटि-कोटि राम-भक्तों व कारसेवकों की भावना का सम्मान है। सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में आधी सदी से अधिक लंबे और गरिमापूर्ण योगदान के लिए लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना उनके प्रति देश के कृतज्ञताज्ञापन जैसा है। वही इस निर्णय के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का हार्दिक आभार।
आडवाणी ने अपने समय में छद्म-धर्मनिरपेक्षता के नरेटिव को ऐसी धार दी कि उससे तुष्टीकरण व वोट बैंक की कांग्रेसी राजनीति उखड़ती चली गईं। उन्होंने कहा कि आडवाणी ने बीजेपी को शून्य से सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में अमूल्य योगदान किया और उनसे प्रभावित होकर कार्यकर्ताओं की कई पीढियां आगे बढ़ीं। जेपी आंदोलन को याद करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी की तानाशाही व आपातकाल के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी, चंद्रशेखर व पहली पंक्ति के कई नेताओं की तरह आडवाणी जी भी 19 महीने जेल में रहे। केंद्र में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनने पर आडवाणी सूचना व प्रसारण मंत्री रहे। उन्होंने आगे कहा कि जब हवाला मामले में कुछ नेताओं के साथ आडवाणी का भी नाम आया, तब उन्होंने संसद की सदस्यता से तुरंत त्यागपत्र देकर सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी की मिसाल पेश की थी। आज जो लोग भ्रष्टाचार के मामले में आरोपपत्र दायर होने व बार-बार ED का समन मिलने पर भी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते, वे या उनके परिजन कभी आडवाणी के व्यक्तित्व की ऊचाई नहीं नाप सकते।