नीति आयोग की बैठक से दुरी बनाने पर चिराग ने मुख्यमंत्री को घेरा, कहा- नीतीश सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को महत्व देते है
- नकारात्मक राजनीति छोड़ सकारात्मक राजनीति नीतीश करे मुख्यमंत्री : चिराग पासवान
पटना। लोजपा (रा) सुप्रीमो चिराग पासवान शनिवार को पटना पहुंचे। वही पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने नीतीश सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि PM के समर्थन में पत्र लिखा है। चिराग पासवान ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो पूर्ण विरोध करें। अपने सांसदों से कहें कि इस्तीफा दें। सदन में कल के दिन यही सांसद जाएंगे बैठने के लिए। उन्होंने आगे कहा कि नए संसद भवन की जरूरत लंबे समय से है। UPA सरकार के समय भी एक आधुनिक संसद भवन की जरूरत हुई थी। पुरानी संसद के जो हालात हैं इसलिए उसके आधुनिकीकरण की मांग है। यह लंबे समय की मांग है। अब इतिहास में नए पड़ाव की तरफ देश है। विपक्ष किस बात को लेकर विरोध कर रहा है? विपक्ष व्यक्ति विशेष का विरोध करते-करते लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध करने लगा है। चिराग ने कहा की यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी संस्था है, जहां देशहित को लेकर नीतियां बनती हैं। जनसमस्याओं का निदान निकाला जाता है। जितनी पार्टियां विरोध करने वाली हैं, वे ये बता सकते हैं कि अपने राज्यों में क्या किया? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही 2016 में बिहार विधान मंडल भवन का विस्तार जब किया तब क्यों नहीं राज्यपाल से उद्घाटन करवाया था? क्यों नहीं उन्हें बुलाया गया? भारत को नई संसद मिलने जा रही है। 2014 में भी ये मांग उठी थी।
आधुनिक प्रणाली को जमीन पर उतारने के लिए नई संसद जरूरी है। नए भारत को नई संसद मिलने जा रही है। नकारात्मक राजनीति छोड़ सकारात्मक राजनीति नीतीश कुमार को करनी चाहिए। चिराग पासवान ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी पहले बिहार के इतिहास, भविष्य की चिंता करें। आज बिहार का क्या हालात बना कर नतीश कुमार ने बना कर रख दिया है। सिर्फ अपराध की चर्चा होती है। आज शिक्षकों और छात्रों के हालात बदतर हैं। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री से नीतीश कुमार को जलन होती है। ये नीतीश कुमार की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है। चिराग ने कहा कि विपक्षी नेता बताएं क्यों अपने नेताओं के नाम पर योजनाओं के नाम रखे, क्यों भवनों, सड़कों के नाम रखे? तब क्यों नहीं राष्ट्रपति याद आए? कैसे-कैसे शब्दों का प्रयोग किया गया। वही राष्ट्रपति के चुनाव के समय इनलोगों ने किस तरह से विरोध किया था? व्यक्ति विशेष का विरोध करते-करते कब ये लोकतंत्र का विरोध करने लगते हैं ये भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री PM का विरोध करते-करते बिहार और बिहारियों का विरोध करने लगे हैं। नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री जाकर बिहार और बिहारियों के लिए तमाम तरह की सुविधाओं और व्यवस्थाओं से जुड़े प्रस्तावों को रख सकते थे। उन्होंने आगे कहा की चुनाव सामने आते ही नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे का झुनझुना लेकर आते हैं। नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का सवाल उठा सकते थे। लेकिन, बहिष्कार दर्शाता है कि वे सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को महत्व देते हैं। वे बिहार और बिहारियों के सरोकार के लिए भी बैठक में नहीं जाना चाहते। उनका अंहकार बड़ा है। चिराग पासवान ने लोकसभा में सीटों के बंटवारे के सवाल पर कहा कि चुनाव नजदीक आने पर ही इस पर बात होगी। गठबंधन की बात होगी, अभी समय है।