February 23, 2025

पटना में नियोजित शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने दिया नियुक्ति पत्र, 1.14 लाख शिक्षक बने राज्यकर्मी

  • सीएम बोले- आपलोग स्कूलों में बढ़िया से पढ़ाइए, तभी शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनेगी
  • मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान, जो शिक्षक जहां है, वही रहेंगे, नहीं होगी नई पोस्टिंग

पटना। बिहार के 1 लाख 14 हजार से अधिक नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी बन गए। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यकर्मी का प्रमाण पत्र सौंपा। राजधानी पटना से लेकर जिला स्तर पर नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र का वितरण किया, जबकि जिलों में जिलाधिकारी ने वितरण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आप लोग आज शिक्षक से राज्यकर्मी बन गए हैं, बहुत खुशी की बात है। आप लोग अपना काम बढ़िया से कीजिए, स्कूल में बढ़िया से पढ़ने का कम कीजिए हम आप लोगों के साथ हैं हम लोगों ने सदा ही आप लोगों के लिए काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। पिछले डेढ़ सालों के अंदर बिहार में हम लोगों की सरकार ने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली करने का काम किया है और आगे भी यह काम जारी है। आप लोग बढ़िया से पढ़ने का कम कीजिए आप लोगों की सैलरी भी समय-समय पर हम लोग बढ़ने का काम करते रहेंगे। शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करना है। इसके लिए हम लोग मिलकर काम करेंगे और शिक्षा की व्यवस्था बेहतर बनेगी। अब आपकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। आप सभी स्कूलों में अच्छे से पढ़ाएं और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में योगदान दें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कदम शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया है।
जो शिक्षक जहां है, वही रहेंगे, नहीं होगी नई पोस्टिंग
इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘नियोजित शिक्षक जिस जगह पर काम कर रहें हैं। वहीं काम करेंगे। नई जगह पोस्टिंग नहीं दी जाएगी।’ इस बयान के बाद कार्यक्रम में शिक्षक तालियां बजाने लगीं। सीएम नीतीश के इस फैसले का असर बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों पर पड़ेगा। सीएम के इस ऐलान के बाद स्पष्ट हो गया है कि नियोजित शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक बने टीचर्स का दूसरी जगह पदस्थापन नहीं होगा।
सरकार ने शिक्षकों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है: नीतीश
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षकों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है। पिछले डेढ़ सालों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। यह कदम न केवल शिक्षकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता को भी सुधारने में सहायक होगा।
आप लोग अच्छे से कम कीजिए, हम आपका वेतन भी बढ़ाएंगे
नीतीश कुमार ने यह भी आश्वासन दिया कि शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार समय-समय पर वेतन में सुधार करेगी और शिक्षकों की अन्य समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। यह शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
लड़कियों की पढ़ाई के लिए हमने बहुत काम किया, प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाया
कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हम लोग हमेशा से पढ़ाई के लिए प्रतिबद्ध रहे। जब हम लोगों को कम करने का मौका मिला तो हम लोगों ने पढ़ाई की व्यवस्था बदलने का काम किया। इसके साथ-साथ हम लोगों ने देखा कि पहले लड़कियां नहीं पढ़ती थी इसके लिए हम लोगों ने छात्रवृत्ति और साइकिल जैसी योजनाएं शुरू की जिससे कितनी लड़कियां पढ़ने लगी। हम लोग अभी भी लड़कियों के लिए कितना काम कर रहे हैं, पहले 12वीं पास करने पर लड़कियों को 10 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलती थी जिसे हम लोगों ने बढ़कर अब 25 हजार कर दिया है, इसके साथ ही जो आगे की पढ़ाई ग्रेजुएशन पास करती हैं उन्हें अब हम लोग 50 हजार प्रोत्साहन राशि देने का काम करते हैं इसके बाद से बिहार में कितनी लड़कियों में आगे की पढ़ाई शुरू की और अब लड़का और लड़की एक बराबर होकर पढ़ाई कर रहे हैं।
सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी
वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इस कदम को राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों के सम्मान को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। पटना से लेकर जिले के स्तर तक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए। यह अवसर शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए गर्व और खुशी का पल था। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों को अधिक अधिकार और सम्मान प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षकों को बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बिहार सरकार लंबे समय से शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रयासरत रही है। शिक्षकों की बहाली और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने का यह कदम इसी प्रयास का हिस्सा है। राज्य सरकार का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।
शिक्षकों की जिम्मेदारियां और अपेक्षाएं
राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद शिक्षकों की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उन्हें न केवल अपने कार्य में श्रेष्ठता दिखानी होगी, बल्कि छात्रों के समग्र विकास में भी योगदान देना होगा। सरकार ने यह अपेक्षा जताई है कि शिक्षक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और समर्पण के साथ निर्वहन करेंगे। इसके साथ ही, शिक्षकों को यह समझना होगा कि यह परिवर्तन केवल एक दर्जा देने तक सीमित नहीं है। यह राज्य सरकार द्वारा उन पर जताए गए विश्वास और उनके कार्य के प्रति उच्च उम्मीदों का प्रतीक भी है।
अधिवेशन भवन में हुआ कार्यक्रम
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिवेशन भवन में सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, उर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव भी मौजूद रहें।
नियोजित शिक्षकों के सीनियरिटी की गणना नहीं
बिहार के 1,14,000 सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों की सीनियरिटी खत्म हो गई। राज्य कर्मी का दर्जा मिलते ही उन्होंने सीनियरिटी खो दिया। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के अनुसार चुकी वह पहली बार राज्य कर्मी बन रहे हैं, इसलिए उन्हें नियुक्ति पत्र दी जा रही है। नियोजित शिक्षक अब राज्य कर्मी कहलाएंगे। पुराने सेवाकाल की गिनती नहीं की जाएगी। नियोजित शिक्षकों का नियोजन लोकल बॉडीज में किया गया था। बिहार के सात जिलों में आदर्श आचार संहिता की वजह से शिक्षकों का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह नहीं किया जा रहा है। इन जिलों में चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद नियुक्ति पत्र बांटी जाएगी। गया, भोजपुर और कैमूर में विधानसभा उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। जबकि सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली और मुजफ्फरपुर में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य का चुनाव है।

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