पटना मेट्रो हादसे पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक, जांच के लिए बनाई तीन सदस्यीय कमेटी
पटना। पटना में चल रहे मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें दो मजदूरों की जान चली गई और छह अन्य घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे ने बिहार की राजधानी को हिलाकर रख दिया। सोमवार की रात करीब 10 बजे पटना के अशोक राजपथ पर एनआईटी मोड़ के पास इस दुर्घटना की सूचना मिली, जहां मेट्रो टनल का निर्माण कार्य जारी था। घटना उस वक्त हुई जब एक लोको (मशीन) का ब्रेक फेल हो गया। यह मशीन निर्माण कार्य के दौरान मटेरियल और अन्य उपकरणों को टनल के अंदर पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। ब्रेक फेल होने के कारण लोको ने नियंत्रण खो दिया, जिससे टनल के अंदर काम कर रहे मजदूरों के लिए यह एक बड़ा हादसा साबित हुआ। जानकारी के अनुसार, टनल के अंदर उस समय लगभग 25 मजदूर काम कर रहे थे। ब्रेक फेल होने के बाद मशीन ने मजदूरों को कुचल दिया, जिससे दो की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। मरने वालों में एक लोको पायलट भी शामिल है, जो उड़ीसा का रहने वाला था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
इस हादसे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया और इस दुर्घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस घटना को लेकर दुख जताया और मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने का भी आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने घटना के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
पटना डीएम और एसएसपी का बयान
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने घटनास्थल का मुआयना किया और हादसे की पुष्टि की। जिलाधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। डीएम के अनुसार, हादसे में घायल 6 मजदूरों में से एक की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि पांच अन्य मजदूरों की हालत स्थिर है। एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि हादसे के समय मजदूर टनल के अंदर निर्माण कार्य में व्यस्त थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, ब्रेक फेल होना इस दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और हादसे के सभी पहलुओं पर गौर कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई थी।
जांच कमेटी और संभावित मुआवजा
सीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगी और हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी। जांच कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का सही तरह से पालन किया जा रहा था या नहीं। यदि निर्माण कार्य में कोई कमी या लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सरकार का यह निर्णय उन परिवारों के लिए राहत का काम करेगा, जिनके सदस्य इस हादसे में मारे गए। इसके साथ ही, घायलों को भी समुचित इलाज और मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
मेट्रो परियोजनाओं में सुरक्षा के प्रति लापरवाही पर सवाल
यह घटना बिहार में चल रही मेट्रो परियोजना के दौरान हुई गंभीर दुर्घटनाओं में से एक है, जिसने परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पटना मेट्रो जैसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट में मजदूरों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षा नियमों का पालन न होना और सुरक्षा उपकरणों की कमी जैसी समस्याएं निर्माण कार्यों के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ा देती हैं। इस हादसे ने एक बार फिर से मेट्रो परियोजना में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। इस मामले में सीएम द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि निर्माण कार्य में भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। सरकार को निर्माण कार्यों में लगे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर नियमों का पालन करना होगा और इन हादसों को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। पटना मेट्रो हादसा बिहार के निर्माण कार्य में मौजूद सुरक्षा समस्याओं का एक गंभीर उदाहरण है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस हादसे पर शोक जताने के साथ ही तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करना सकारात्मक कदम है। उम्मीद है कि इस हादसे की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाएं उन परिवारों के लिए दुखद हैं, जिनके प्रियजन रोजी-रोटी के लिए कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और हर स्तर पर सुरक्षा का ध्यान रखा जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके।