जन्माष्टमी पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने देशवासियों को दी बधाई, लिखा- गीता के उपदेशों को अपनाकर आगे बढ़े
पटना। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर देशभर में उत्सव का माहौल है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने संदेशों में दोनों ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके उपदेशों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
राज्यपाल का संदेश, सत्य और प्रेम की प्रेरणा
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने बधाई संदेश में कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जीवन-लीलाओं और उनके संदेशों से हमें सत्य, प्रेम, त्याग, सद्भावना, शांति, भक्ति, कर्म, ज्ञान और भ्रातृत्व-भावना को आत्मसात करने की प्रेरणा मिलती है। राज्यपाल ने कहा कि श्रीकृष्ण की गीता में दिए गए उपदेश आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं, और हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर जीवन में सफलता और शांति प्राप्त करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री का संदेश, भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता का पर्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की समृद्धि को रेखांकित किया, जिसमें पर्व-त्योहारों की लंबी श्रृंखला हमारी सांस्कृतिक विरासत और विविधता में एकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व हमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और उनके कर्मयोग के उपदेशों को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन संदेश हमें अपने कर्मों के प्रति समर्पित रहने और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि इस शुभ अवसर पर हमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए और उनके उपदेशों के अनुसार जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष संयोग
इस वर्ष की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस बार दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के 5250 वर्ष पूरे होने पर, 5251वें वर्ष में प्रवेश के दौरान, 45 मिनट का ऐसा समय आ रहा है जो द्वापर युग जैसा संयोग बना रहा है। यह संयोग इस वर्ष की जन्माष्टमी को और भी खास बना देता है। इस प्रकार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व न केवल भक्ति और उत्सव का अवसर है, बल्कि यह हमें अपने जीवन में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को अपनाने और उनके मार्गदर्शन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने देशवासियों से आग्रह किया है कि वे इस अवसर पर गीता के उपदेशों को जीवन में उतारें और सुख, शांति, और समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएं।