मधुबनी : यास तूफान के कारण तिलयुगा नदी के भगता घाट पर बना चचरी पुल बहा, तीन पंचायतों का सड़क संपर्क भंग
मधुबनी। जिले में यास तूफान के कारण तिलयुगा नदी के भगता घाट पर बना चचरी पुल बह गया है। इससे तीन पंचायतों की आबादी का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है। यास तूफान के कारण जिले सहित नेपाल के क्षेत्रों में भारी बारिश होने से तिलयुगा नदी के जलस्तर में रातों-रात भारी वृद्धि हो गई।
पानी के तेज दबाव के कारण बांस से बना चचरी पुल नदी की उफनती धारा में टूटकर बह गया। पंचायत की 20 हजार से अधिक आबादी को प्रखंड मुख्यालय से सीधे जोड़ती थी। सड़क संपर्क भंग हो जाने से इतनी बड़ी आबादी अब गांव में फंस गई है।
भगता घाट के सरकारी नाविक रामबिलास साफी व मो. अलाउद्दीन ने बताया कि चचरी के साथ-साथ घाट पर बांध कर रखी गई सरकारी नाव भी पानी की तेज धारा में शुक्रवार रात बह गई। शनिवार सुबह से इस मार्ग पर यातायात पूर्णतया बाधित हो गया है। डारह पंचायत के भगता व डारह गांव के बीच तिलयुगा नदी पर बना चचरी पुल डारह पंचायत के अलावा बसीपट्टी व गढ़गांव पंचायत की 20 हजार से अधिक आबादी को प्रखंड मुख्यालय से सीधे जोड़ती थी।
सड़क संपर्क भंग होने से इतनी बड़ी आबादी फंस गई है। यहां के लोग जहां महज पांच किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचते थे वहीं अब इनको 30 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर सुपौल जिला क्षेत्र से प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ेगा।
इसी नदी के लाहवन घाट पर बना चचरी पुल भी रात में बह गया है। भारी बारिश के कारण नदियों में अचानक रातों-रात उफान आने से ललवाराही घाट पर और कोसी नदी के बकुआ घाट पर बने चचरी पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
भगता गांव के विद्यानंद मुखिया सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 80 हजार की लागत से भगता घाट पर चचरी पुल का निर्माण कराया गया था। स्थानीय ग्रामीणों के जन सहयोग से प्रतिवर्ष नवंबर- दिसंबर महीने में सुगम यातायात को लेकर नदी घाटों पर चचरी पुल का निर्माण करवाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि फुलपरास के पूर्व विधायक गुलजार देवी ने भगता घाट पर पुल निर्माण की अनुशंसा की थी। लेकिन अद्यतन इस दिशा में सरजमीं पर कोई कार्य नहीं किया गया है। मधेपुर सीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि भगता घाट पर यातायात व्यवस्था बहाल करने के लिए नाव की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।