अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण, युवाओं को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार : राबड़ी देवी
पटना। 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बीच पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। इस घटना में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर तीन बार लाठीचार्ज किया, जिससे कई अभ्यर्थी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने 12 घंटे तक बीपीएससी कार्यालय के बाहर धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस कार्रवाई पर बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है, और विपक्षी दल लगातार सरकार को घेर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का अधिकार है, और उन पर लाठीचार्ज करना अत्याचार है। उन्होंने कहा, “बिहार के नौजवान अगर रोजगार के लिए प्रदर्शन करते हैं और उन पर लाठी बरसाई जाती है, तो आखिर वे कहां जाएंगे?” राबड़ी देवी ने सरकार से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की और कहा कि युवाओं के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए। राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार के नौजवानों को न तो राज्य में रोजगार मिल रहा है और न ही बाहर जाने पर उन्हें सम्मान मिलता है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि युवाओं के साथ ऐसा व्यवहार करना अनुचित है। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन छात्रों पर लाठियां चलवा रहे हैं, जो रोजगार और शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीपीएससी पेपर लीक और कोचिंग माफियाओं के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार का माफियाओं से कोई संबंध नहीं है, तो छात्रों की वाजिब मांगों को स्वीकार करने में परेशानी क्यों हो रही है। तेजस्वी यादव ने इस लाठीचार्ज को असहनीय और निंदनीय बताया। उन्होंने कहा, “छात्र पढ़ाई भी करेंगे, सिस्टम से लड़ाई भी करेंगे और नौकरी पाने के लिए सत्ता से भी भिड़ेंगे।” उन्होंने सरकार से मांग की कि छात्रों की समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि 70वीं बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू किया जाए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा के मूल्यांकन में अनियमितताएं हैं, जो उनके भविष्य को प्रभावित कर रही हैं। इसके विरोध में छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किया, लेकिन प्रशासन ने बल प्रयोग कर उन्हें हटाने की कोशिश की। अभ्यर्थियों ने बताया कि पुलिस द्वारा तीन बार लाठीचार्ज किया गया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती। इस घटना के बाद विपक्ष ने इसे युवाओं के अधिकारों पर हमला बताया है। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने सरकार पर माफियाओं से सांठगांठ और युवाओं के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है और छात्रों के प्रति सहानुभूति जताई है। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर अभी तक राज्य सरकार की कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश बता रहे हैं। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद छात्रों और विपक्षी दलों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बिहार में बेरोजगारी और शिक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर युवाओं का गुस्सा अब सड़क पर दिखने लगा है। ऐसे में पुलिस द्वारा बल प्रयोग और अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया है। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं का समर्थन युवाओं को हौसला दे रहा है, लेकिन सरकार की चुप्पी और लाठीचार्ज की घटना ने प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को चाहिए कि वह छात्रों की मांगों को गंभीरता से ले और न केवल उनकी समस्याओं का समाधान करे, बल्कि भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए भी कदम उठाए। युवाओं के अधिकारों का सम्मान और उनकी समस्याओं का समाधान ही राज्य के विकास का सही रास्ता हो सकता है।