विधान परिषद के सभापति ने पद से दिया इस्तीफा, नीतीश की मुहर के बाद नए नाम का होगा ऐलान

पटना। बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देवेश चंद्र ठाकुर इस बार सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुए। उनके इस्तीफे के बाद विधान परिषद के सभापति का पद खाली हो गया है, और इस पद के लिए कई नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। बिहार विधान परिषद में सभापति की कुर्सी के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है, उनमें वरिष्ठ नेता रामवचन राय, गुलाम गौस, पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह और नीरज कुमार के नाम शामिल हैं। हालांकि, इस पद के लिए अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ही लिया जाएगा। देवेश चंद्र ठाकुर, जो नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे, के इस्तीफे के बाद यह तय है कि नया सभापति वही होगा, जिसे नीतीश कुमार पसंद करेंगे। बिहार में जदयू और बीजेपी के बीच यह समझौता रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी जिस पार्टी के पास होती है, विधान परिषद की कुर्सी दूसरी पार्टी को मिलती है। इस बार भी विधान परिषद की कुर्सी जदयू को मिलने की संभावना है, लेकिन नीतीश कुमार चाहें तो बीजेपी को भी यह कुर्सी दे सकते हैं। बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं, जिनमें बीजेपी के 24 सदस्य और जदयू के 21 सदस्य हैं। देवेश चंद्र ठाकुर का पद खाली होने के बाद जदयू के सदस्यों की संख्या घटकर 20 हो जाएगी। ऐसे में विधान परिषद के नए सभापति का चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है। देवेश चंद्र ठाकुर के लोकसभा सांसद बनने के बाद उनकी जगह नए चेयरमैन का चुनाव किया जाएगा। इसको लेकर कई नामों पर विचार हो रहा है। हालांकि, यह निश्चित है कि नए सभापति का चयन नीतीश कुमार की मंजूरी से ही होगा। इसके साथ ही, बिहार विधान परिषद में नए सभापति के चयन को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। जदयू और बीजेपी के बीच तालमेल और समझौते को देखते हुए, नए सभापति का चुनाव कैसे होगा और कौन इस महत्वपूर्ण पद को संभालेगा, यह देखने वाली बात होगी। इस महत्वपूर्ण पद के लिए आने वाले दिनों में विभिन्न नामों पर चर्चा और विचार-विमर्श जारी रहेगा, और अंततः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पसंद के अनुसार नए सभापति का नाम घोषित किया जाएगा।
