बिहार में महिलाओं को मिले आरक्षण से प्रेरित है केंद्र का महिला आरक्षण बिल : राजीव रंजन
पटना। केंद सरकार के महिला आरक्षण बिल को बिहार में बिहार में महिलाओं को मिले आरक्षण से प्रेरित बताते हुए JDU के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा कि महिला आरक्षण बिल लाकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार जो आज करता है, कल पूरा देश उसे अपनाता है। भले ही अपने राजनीतिक स्वार्थों के कारण केंद्र के नेता बिहार के खिलाफ दुष्प्रचार करते रहे, लेकिन अंदर से उन्हें भी पता है कि महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार द्वारा किये गये कार्य पूरे देश के सामने एक नजीर हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ही थी, जिसने 2005 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद महिलाओं की नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताते हुए 2006 में ही उन्हें पंचायत व नगर निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दे दिया था। बिहार उस समय ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य था। तब से लेकर आज तक बिहार सरकार ने महिलाओं की शिक्षा से लेकर रोजगार तक के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाये हैं, जिन्होंने उनका जीवन बदल दिया है। यही वजह है कि आज बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार के कारण ही बिहार देश का पहला राज्य बना जहां महिलाओं को सरकारी नौकरी में सशक्त हिस्सेदारी दिलाने के लिए 35 फीसदी का आरक्षण दिया गया।
सरकार ने महिलाओं के लिए शिक्षा विभाग की नौकरियों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान भी किया है। वहीं, सरकारी दफ्तरों में पोस्टिंग में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। वही इसी के परिणाम स्वरूप आज राज्य में करीब 2 लाख से अधिक महिलाएं शिक्षक के रूप में काम कर रही हैं, वहीं 29,175 महिलाएं पुलिस विभाग में तैनात हैं। गौरतलब हो कि महिला पुलिस की यह संख्या देश के किसी भी राज्य से ज्यादा है। मुख्यमंत्री बालिका साइकिल व पोशाक योजना लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर योजना साबित हुई। इससे स्कूलों में लड़कियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आज स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों के बराबर हो चुकी है। लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बिहार में इंटरमीडिएट पास अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रुपये और स्नातक पास लड़कियों को 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है। वही इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में नामांकन में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए कर दिया गया है। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। उन्होंने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त ग्रामीण महिलाओं को समाजिक तौर पर सशक्त करने के लिए चलायी जा रही जीविका योजना के तहत अभी तक कुल 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, वहीं एक करोड़ 30 लाख परिवारों की महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा जा चुका है।