अररिया में मवेशी लदे वाहन को पुलिस ने पकड़ा, 26 जानवर बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार
अररिया। बिहार के अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रानीगंज-सरसी मार्ग पर सरदार ढ़ावा के पास पुलिस ने 26 मवेशियों से भरे मिनी ट्रक को पकड़ा है और इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से क्षेत्र में हलचल मच गई है और लोगों के बीच यह विषय चर्चा का केंद्र बन गया है। गिरफ्तार तस्करों की पहचान सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर वार्ड 17 निवासी मो. इस्तियाक, खगड़िया जिले के गोगरी निवासी मो. कुद्दुस और भागलपुर जिले के मनिमापुर वार्ड 12 निवासी मो. जावेद के रूप में हुई है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ शुरू कर दी है, जिसमें यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वे मवेशियों को कहां ले जा रहे थे और पशु तस्करी का नेटवर्क कितना बड़ा है। थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदु के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई।
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
पुलिस ने यह कार्रवाई गश्त के दौरान गुप्त सूचना मिलने के बाद की। पुलिस को पहले से ही जानकारी थी कि इस मार्ग पर पशु तस्करी हो रही है और इसी आधार पर पूरी तैयारी के साथ उन्होंने यह कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार, मवेशियों को क्रूरता से ट्रक में लादकर ले जाया जा रहा था। तीनों तस्करों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस तस्करी के पीछे के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके। पुलिस का मानना है कि इन तस्करों के पीछे और भी कई बड़े लोग हो सकते हैं जिनका पता लगाना जरूरी है।
पशु तस्करी का सेफ ज़ोन रहा है सीमांचल
सीमांचल का यह क्षेत्र लंबे समय से पशु तस्करी के लिए बदनाम रहा है और यहां के कई गांव तस्करों के लिए सेफ जोन माने जाते हैं। सीमांचल क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और नेपाल सीमा से सटे होने के कारण यहां से पशुओं की तस्करी करना तस्करों के लिए आसान हो जाता है। इस क्षेत्र में पुलिस की सख्ती कम होने की वजह से भी तस्कर इसे सुरक्षित स्थान मानते आए हैं। लेकिन अब पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ संकेत गया है कि प्रशासन ने तस्करों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है।
नवपदस्थापित थानाध्यक्ष की पहल
रानीगंज थाने के नवपदस्थापित थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदु ने पदभार संभालते ही यह बड़ी कार्रवाई करके लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। उनकी इस कार्रवाई से तस्करों के बीच खलबली मच गई है और ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में तस्करों के लिए यहां पर काम करना मुश्किल होगा। यादवेंदु ने स्पष्ट कर दिया है कि पशु तस्करी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जनता की प्रतिक्रिया और जागरूकता
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इस बात से खुश हैं कि पुलिस ने तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और पशु तस्करी के इस नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार और बड़े स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत है। पुलिस की इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता भी बढ़ाई है और अब वे पुलिस का सहयोग करने के लिए तैयार दिख रहे हैं।
पशु तस्करी पर सख्ती की जरूरत
अररिया और इसके आसपास के क्षेत्रों में पशु तस्करी एक बड़ी समस्या रही है। सीमांचल क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और स्थानीय प्रशासन की लचरता का फायदा तस्कर उठाते रहे हैं। ऐसे में इस प्रकार की पुलिस कार्रवाई न केवल तस्करों को रोकने का एक अच्छा कदम है, बल्कि इससे लोगों के बीच भी कानून व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा। पुलिस को चाहिए कि वे इस प्रकार की कार्रवाइयों को नियमित रूप से जारी रखें ताकि इस अवैध धंधे को जड़ से खत्म किया जा सके।
न्यायिक कार्रवाई और आगे की योजना
गिरफ्तार किए गए तस्करों को पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। पुलिस उनसे पूछताछ के आधार पर और भी जानकारी इकट्ठा कर रही है, जिससे पशु तस्करी के इस नेटवर्क का पूरा पर्दाफाश किया जा सके। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि प्रशासन अब तस्करों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार है और यह भविष्य में इस प्रकार के अपराधों पर लगाम लगाने का एक अहम कदम हो सकता है। कुल मिलाकर, अररिया की इस घटना ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि अब पशु तस्करों के लिए सीमांचल क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को चलाना आसान नहीं होगा। पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल तस्करों में भय पैदा हुआ है, बल्कि आम लोगों के बीच भी एक सकारात्मक संदेश गया है कि कानून व्यवस्था लागू करने वाले अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं और पशु तस्करी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।