पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने किया सत्याग्रह आंदोलन, गर्दनीबाग में धरना देकर जताया विरोध
पटना। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन अभी भी इस प्रक्रिया के कुछ शिक्षक संगठन नाखुश है। इसको लेकर आज योग्य शिक्षक अभ्यर्थी संघ द्वारा बुधवार को गर्दनीबाग में सत्याग्रह आंदोलन किया गया। संजीव कुमार ने कहा कि बीपीएससी के पहले चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के परिणाम आने के बाद आयोग और शिक्षा विभाग ने विज्ञापन के शर्तों का अवहेलना किया है। गलत तरीके से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर कर नियुक्ति पत्र वितरण किया गया है। इस कारण एसटीइटी 2023 अभ्यर्थी, एसटीइटी 2019 के बाद के योग्यता वाले एसटीइटी फेल, डीएलइडी फेल आदि अभ्यर्थियों ने नियुक्ति ले लिया है। अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति के कारण योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गये। विभाग द्वारा कई आयोग शिक्षक को बाहर भी किया गया है। लेकिन ऐसे कई शिक्षक हैं। जो अभी भी कार्यरत है। उनके द्वारा शिक्षा विभाग से या मांग किया गया है कि दोबारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाए। जितने भी अयोग्य अभ्यर्थी हैं। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए। फिलहाल हम तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो इससे आगे और भी बड़ा कदम उठाएंगे। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक के आदेश के खिलाफ बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि शिक्षा हित में शिक्षकों की समस्याओं का अभी तक निदान नहीं किया जा सका है। शिक्षकों ने कहा है कि अगर हमारी मांगे पूर्ण नहीं की जाएगी तो इससे शिक्षक संघ आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएंगे। राज्य के सभी शिक्षक 20 जनवरी को गर्दनीबाग में मुंह पर काली पट्टी बांध कर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगे। मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में शिक्षक संघ ने ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया आसान बनाने की मांग की है। वहीं शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की सीमा 62 साल करने की मांग की है। राज्य के सभी शिक्षकों को संगठन से हुए पूर्व के समझौते के अनुरूप केंद्रीय वेतनमान दिया जाये। स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों को पूर्व की सेवा की वरीयता का लाभ दिया जाये।