केवल 20 मिनट में खत्म हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक; प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द, तीन एजेंडों पर मोहर
- तीन एजेंडों पर मुहर: बजट सत्र में पेश होने वाले बजट और दूसरा सप्लीमेंट्री बजट पर फैसला, राज्यपाल का होगा संबोधन
पटना। बिहार की राजनीति में इस समय सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। राजनीति के एक्सपर्ट इस बात के कयास लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद को धोखा देकर एक बार फिर से पाला बदलने की तैयारी में है इसी बीच मंगलवार को कैबिनेट के द्वारा रद्द की गई बैठक गुरुवार को आयोजित की गई लेकिन हैरानी की बात यह रही कि यह बैठक महज 20 मिनट में ही खत्म कर दी गई। वही आमतौर पर कैबिनेट बैठक के बाद गृह विभाग के सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ मीडिया के सामने आकर कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्ताव की जानकारी लोगों को देते थे लेकिन इस बार इस मीडिया ब्रीफिंग को भी सरकार के द्वारा रद्द कर दिया गया। गुरुवार की इस कैबिनेट बैठक में किसी भी प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया हालांकि बजट सत्र से जुड़े तीन एजेंडों वित्त मंत्रालय के पास भेजे गए। बता दे की सीएम की कैबिनेट बैठक महज 20 मिनट की चल सकी। क्या नीतीश सरकार में सबकुछ सही है और पटरी पर है या फिर कोई नई सियासी खिचड़ी पक रही है। इस बैठक में शामिल हुए मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि- यह बैठक बेहद छोटी रही, इसमें किसी मुद्दे पर सहमती नहीं बनी है इसलिए कोई भी एजेंडे पर मुहर नहीं लगी है। इसके बाद कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई और सीएम अपने आवास पर निकल गए और बाकी के मंत्री भी अपने-अपने काम पर वापस लौट गए। सूत्र बताते हैं कि, इस कैबिनेट बैटक में बजट सत्र को लेकर बातचीत हुई है और केवल उसी मामले पर सभी से नीतीश कुमार ने सहमति ली और उसके बाद वित्त विभाग को भेजा गया। यानि की इस बैठक में तीन एजेंडों पर मुहर लगी है और यह बजट सत्र से जुड़ा हुआ है। पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत काफी गर्म लगातार या कयास लगाया जा रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार वापस से एनडीए के साथ जा रहे हैं और उनका गठबंधन इंडिया के साथ टूटने वाला है। ऐसे में आदमी कि कैबिनेट की बैठक का मार्च 20 मिनट की संचालन हो पाना अपने आप में एक बड़ा संकेत बताया जा रहा। जिस तरह पिछले दिनों अमित शाह ने यह संकेत दिया था कि- पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं। इस पर अमित शाह ने कहा था कि- जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा। उनके इस बयान को भी एक भाजपा और जदयू के बीच घटती दूरी का एक संकेत माना जा रहा है। बिहार की राजनीति में कभी भी कोई बड़ा बदलाव हो सकता है इस बात के संकेत आने शुरू हो गए हैं।कई मसलों पर राजद और जदयू की राय अलग है। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर ये दोनों ही दल अपना अलग अलग कार्यक्रम करने जा रहे हैं। दरअसल, पहले जदयू ने कर्पूरी जयंती की सभा कैंसल की थी, मगर राजद ने 23 जनवरी को भव्य जयंती समारोह की घोषणा के बाद जदयू ने उसके अगले दिन ही वेटनरी ग्राउंड में जयंती का ऐलान किया है। पूरे पटना में माइकिंग के जरिए आमंत्रित किया जा रहा है। जाहिर है अब राजद-जदयू आमने सामने है।
तीन प्रस्तावों पर लगी मुहर
2024 25 का बजट लगभग तीन लाख करोड़ रुपए का अनुमानित है। रोजगार ,नौकरी,शिक्षा को प्राथमिकता में रखी गई है। इन क्षेत्रों पर कुल बजट का भारी भरकम राशि खर्च की जाएगी। बिहार विधान मंडल में छह फरवरी को वित्त मंत्री विजय चौधरी बजट पेश करेंगे। बजट सत्र की कार्यवाही 5 फरवरी से शुरू होनी है, जो 29 फरवरी तक चलेगी। बिहार का बजट आकार वर्ष 2022-23 में 2 लाख 37 हजार 691.19 करोड़ रुपए था। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2 लाख 61हजार 885 करोड़ रुपए है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान एक लाख करोड़ है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के बराबर रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान 1 लाख 61 हज़ार 855 करोड रखा गया है।
नीतीश का इंतजार करते रहे तेजस्वी, हाथ जोड़कर बिना कुछ बोले निकल गए सीएम
कैबिनेट की तस्वीर रूखापन भरा रहा। मात्र 20, मिनट में कैबिनेट खत्म कर दी गई। मंत्री और अफ़सर नाश्ता भी खत्म नहीं कर सके। कैबिनेट खत्म होते ही मंत्री भारी मन से बाहर निकले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लिफ्ट से गए तो उपमुख्यमंत्री सचिवालय की सीढ़ी से नीचे उतरे। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लिफ्ट के बगल में सीएम नीतीश कुमार का इंतजार करते दिखे। उनके साथ मंत्री अशोक चौधरी भी पाए गए। सीएम नीतीश कुमार ने दोनों का हाथ जोड़कर अभिनंदन किए और बिना बोले आगे बढ़ गए।
कैबिनेट की मीडिया ब्रीफिंग नहीं, सियासी गलियारों में चर्चा तेज
नीतीश कैबिनेट की बैठक कैबिनेट हॉल में हुई, लेकिन इस बार मीडिया ब्रीफिंग रद्द कर दी गई है। हालांकि इसकी वजह नहीं बताई गई है। सरकार की तरफ से जारी पत्र में लिखा है कि अपरिहार्य कारणों से मीडिया ब्रीफिंग रद्द की जाती है। इसके बाद कई तरह की चर्चाएं हैं। इधर, कैबिनेट सूत्रों की माने तो विधान मंडल से जुड़े एजेंडों को लेकर मीडिया ब्रीफिंग रद्द की गई है।
16 जनवरी को कैबिनेट की पिछली बैठक
वैसे तो हर मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक होती है लेकिन कुछ विशेष कारणों से इस बार मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग नहीं हो पाई थी। जिस वजह से आज यानी गुरुवार को ये बैठक हुई है। इससे पहले 16 जनवरी को कैबिनेट की बैठक हुई थी। जिसमें कुल 18 एजेंडा पर मुहर लगी थी। जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने गरीब परिवारों के लिए बड़ा फैसला भी लिया था। इसके तहत राज्य के विभिन्न वर्गों के गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना की स्वीकृति दी थी। 62 प्रकार के उद्योग चिह्नित किए गए हैं। जातीय गणना में 94 लाख से अधिक गरीब परिवार में से प्रत्येक परिवार को 2 लाख की राशि दी जाएगी। तीन किस्तों में राशि दी जाएगी, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा।