February 5, 2025

देश के 7 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव, चुनाव आयोग ने जारी किया संपूर्ण कार्यक्रम

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है। आयोग के अनुसार इन सीटों पर 10 जुलाई को वोटिंग होगी और परिणाम 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने जिन राज्यों में मतदान की घोषणा की है, वे हैं: बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश। इन उपचुनावों के लिए नोटिफिकेशन 14 जून को जारी किया जाएगा। प्रत्याशी 21 जून तक नामांकन कर सकेंगे, जबकि नामांकन की स्क्रूटनी 24 जून को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 26 जून तय की गई है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उपचुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से पहले पूरी कर ली जाएगी। बिहार में रूपौली विधानसभा सीट, तमिलनाडु में विक्रावंडी, मध्य प्रदेश में अमरावाड़ा, पंजाब में जलांधर वेस्ट और उत्तराखंड में बद्रीनाथ और मंगलौर सीटों पर उपचुनाव होंगे। पश्चिम बंगाल में रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मनिकतला विधानसभा सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में तीन सीटों – ढेरा, हमीरपुर और नालागढ़ – पर उपचुनाव होंगे। चुनाव आयोग की इस घोषणा के बाद इन सात राज्यों में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सभी प्रमुख पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन और चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट गई हैं। उपचुनाव के नतीजे यह संकेत देंगे कि जनता का रुझान किस ओर है और आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की क्या रणनीति हो सकती है। इन उपचुनावों में कई महत्वपूर्ण मुद्दे भी उभर सकते हैं, जैसे कि विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्थानीय समस्याएं। राजनीतिक दल इन मुद्दों को चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उठाएंगे और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी उपचुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएंगे। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, आयोग ने मतदाताओं से भी अपील की है कि वे बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाएं। इन उपचुनावों के नतीजे न केवल संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका असर हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी को जनता का समर्थन मिलता है और कौन सी पार्टी इन चुनावों में अपना दबदबा कायम रख पाती है।

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