भागलपुर में असामाजिक तत्वों ने मंदिर की मूर्तियां तोड़ी, विरोध में सड़क जाम, इलाके में तनाव
भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले के सन्हौला क्षेत्र में रविवार को एक बेहद दुखद और निंदनीय घटना सामने आई। असामाजिक तत्वों द्वारा एक मंदिर में हनुमान जी और राधाकृष्ण की मूर्तियों को खंडित कर दिया गया, जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया। इस घिनौनी घटना के बाद सन्हौला बाजार में आक्रोशित लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और बाजार को बंद करा दिया। इसके साथ ही, सन्हौला थाने पर भी पथराव किया गया, जिसके कारण वहां की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई। इस घटना ने इलाके में शांति और सौहार्द्र को खतरे में डाल दिया है। शनिवार की रात को सन्हौला के एक प्रमुख मंदिर में हनुमान जी और राधाकृष्ण की मूर्तियों को तोड़ा गया। यह घटना रविवार की सुबह सामने आई, जिसके बाद इलाके में हंगामा मच गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह घटना जानबूझकर, सोची-समझी साजिश के तहत की गई है ताकि इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलाया जा सके। इस घटना की खबर फैलते ही सन्हौला बाजार में लोग इकट्ठा होने लगे और उन्होंने विरोधस्वरूप बाजार को पूरी तरह से बंद करा दिया।
आक्रोशित जनता और प्रशासन के बीच तनाव
मूर्ति खंडित होने की घटना से लोगों का आक्रोश इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने सन्हौला थाने पर भी पथराव करना शुरू कर दिया। थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, जो प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। लोग इस घटना के जिम्मेदार दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। आक्रोशित भीड़ के गुस्से को शांत करने के लिए प्रशासन के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचने लगे। कहलगांव के एसडीओ ने मौके पर पहुंचकर नाराज लोगों से बातचीत की और स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। इस दौरान, आक्रोशित लोगों ने सन्हौला से झारखंड की ओर जाने वाली मुख्य सड़क को भी जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। सड़क जाम होने से इलाके में तनाव और बढ़ गया, और अफवाहों का दौर भी शुरू हो गया, जिसे देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की और अन्य इलाकों से अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के वरीय अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है और लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। इसके साथ ही, इलाके में किसी भी प्रकार की हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। कहलगांव के एसडीओ ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, पुलिस भी घटना की जांच में जुट गई है और मंदिर की सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं।
अफवाहों से बचने की अपील
इस तरह की घटनाओं के बाद अक्सर अफवाहें फैलने लगती हैं, जो स्थिति को और अधिक खराब कर देती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और किसी भी प्रकार की उत्तेजक गतिविधियों से बचें। प्रशासन ने साफ किया है कि इलाके में शांति और सौहार्द्र बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और जो भी इस शांति को भंग करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक सौहार्द्र और शांति की जरूरत
मूर्ति खंडित होने की यह घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। मंदिर किसी भी समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का केंद्र होता है और इसकी पवित्रता को ठेस पहुंचाना बेहद घिनौना काम है। इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं, बल्कि समाज में नफरत और विभाजन को भी बढ़ावा देती हैं। ऐसे में समाज के सभी वर्गों को संयम और समझदारी से काम लेने की आवश्यकता है, ताकि शांति और सौहार्द्र को बनाए रखा जा सके। भागलपुर की यह घटना हमें इस बात की याद दिलाती है कि समाज में शांति और सौहार्द्र की स्थापना के लिए धार्मिक, सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर मिलकर काम करना होगा। असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई गई इस तरह की नकारात्मकता को रोकने के लिए समाज को एकजुट होना होगा और कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करना होगा। भागलपुर के सन्हौला क्षेत्र में मूर्ति खंडित होने की यह घटना बेहद निंदनीय है और इससे इलाके में तनाव फैल गया है। हालांकि, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह समय है कि लोग शांति और सौहार्द्र बनाए रखें और अफवाहों से बचते हुए प्रशासन का सहयोग करें।