भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन टेस्ट कल से, इंडिया के लिए ‘करो या मरो’ का मुकाबला
- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप दावं पर…रोहित फिर करेंगे ओपनिंग…हेजलवुड करेंगें वापसी
नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला 14 दिसंबर से खेला जाएगा। यह मुकाबला 18 दिसंबर तक चलेगा। ब्रिस्बेन टेस्ट मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीमों के लिए अहम है। सीरीज के पहले मुकाबले में टीम इंडिया ने जीत हासिल कर बढ़त बनाई थी, जबकि दूसरे टेस्ट मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल कर बढ़त को 1-1 से बराबर कर दिया था। अब ब्रिस्बेन में जीतने वाली टीम बढ़त हासिल कर लेगी।
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज इस वक्त बराबरी पर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज इस वक्त 1-1 की बराबरी पर है। यानी अब तीसरे मैच में जो भी टीम जीतेगी, वो बढ़त बना लेगी और उसके सीरीज जीतने की भी संभावना बनेगी। लेकिन ये काम इतना आसान भी नहीं होने वाला। पहला मैच हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे मैच में जिस तरह का कमबैक किया है, वो भारतीय टीम भी कर सकती है, बशर्ते भारत की बल्लेबाजी उसी तरह से चले, जिसके लिए ये जानी और पहचानी जाती है। सीरीज के पहले टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने सेंचुरी लगाई थी, यही वजह रही कि टीम इंडिया जीत दर्ज करने में कामयाब रही। अब फिर से ऐसा हो जाएग तो कोई बड़ी बात नहीं है। इस सीरीज में खेले गए अभी तक दोनों ही मुकाबलों में फैंस को काफी रोमांच देखने को मिला है, जिसमें पहला मैच टीम इंडिया अपने नाम करने में कामयाब हुई थी तो वहीं दूसरे मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने शानदार तरीके से वापसी करने के साथ सीरीज को 1-1 से बराबरी पर ला दिया। अब ऐसे में सीरीज का तीसरा टेस्ट जो गाबा में खेला जाना है दोनों ही टीमों के लिए काफी अहम हो गया है। पिछली बार दौरे पर टीम इंडिया ने इसी मैदान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सीरीज को भी अपने नाम किया था। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम कोई भी गलती इस मुकाबले में नहीं करना चाहेगी। वहीं ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के पहले दिन के खेल में खराब मौसम की वजह से खलल देखने को मिल सकता है।
वर्ल्ड चैंपियनशिप दावं पर
यह मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा और बेहद महत्वपूर्ण मैच है, क्योंकि भारत को इस टेस्ट मैच में जीत दर्ज करना अनिवार्य है। यदि टीम यह मुकाबला हारती है तो वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दौड़ से बाहर हो जाएगी। ब्रिस्बेन टेस्ट भारतीय टीम के लिए करो या मरो की स्थिति जैसा है। कप्तान रोहित शर्मा और उनकी टीम हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि यह मुकाबला जीतकर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ में बना रह सके।
रोहित फिर करेंगे ओपनिंग
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा 14 दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में ओपनिंग करते नजर आएंगे। रोहित शर्मा ने इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच नहीं खेला था। उनकी अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह ने टीम की कप्तानी की और केएल राहुल ने पारी की शुरुआत की थी। पर्थ टेस्ट में केएल राहुल की बल्लेबाजी अच्छी रही, जिसके चलते दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने ओपनिंग की, जबकि टीम में वापसी करने के बाद रोहित ने मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी की। हालांकि, ब्रिस्बेन टेस्ट में रोहित एक बार फिर ओपनिंग करते हुए दिख सकते हैं। ब्रिस्बेन टेस्ट में केएल राहुल मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर सकते हैं। टीम प्रबंधन ने इस बदलाव का संकेत दिया है, ताकि पारी में स्थिरता लाई जा सके। यशस्वी जायसवाल को रोहित के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। नेट प्रैक्टिस के दौरान रोहित को नई गेंद से अभ्यास करते हुए देखा गया है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह ओपनिंग के लिए तैयार हैं।
जोश हेजलवुड करेंगी वापसी
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड पूरी तरह फिट हो गए हैं। वे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा लेंगे। हेजलवुड ब्रिस्बेन टेस्ट में स्कॉट बोलैंड की जगह लेंगे। कप्तान पैट कमिंस ने गुरुवार को खुद इस बात की पुष्टि की है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने शुक्रवार को कहा- ‘जोश वापस आ गया है। उसे कोई परेशानी नहीं हुई। उसने कल (गुरुवार को) बहुत अच्छी गेंदबाजी की। वे और मेडिकल टीम बहुत आश्वस्त है।’ कमिंस ने बोलैंड को लेकर कहा कि वे थोड़े दुर्भाग्यशाली रहे कि एडिलेड टेस्ट में 5 विकेट लेने के बावजूद उन्हें अपना स्थान खोना पड़ा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला ब्रिस्बेन में शनिवार 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। एडिलेड टेस्ट नहीं खेल सके थे चोटिल हेजलवुड जोश हेजलवुड चोट के कारण एडिलेड के खेले गए डे-नाइट टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा नहीं थे। उन्हें लो ग्रेड लेफ्ट साइड इंजरी (पेट के निचले हिस्से में दर्द) थी। जोश की जगह तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड को मौका दिया गया था। बोलैंड ने पिंक बॉल टेस्ट में 5 विकेट झटके थे। उन्होंने पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 3 विकेट लिए थे। हेजलवुड ने पर्थ टेस्ट में 5 विकेट झटके थे।